उत्तराखंड: हनी ट्रैप में फंसा व्यापारी, क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर गंवाए 2 करोड़ 67 लाख रुपए

देहरादून।ऋषिकेश के एक कपड़ा व्यापारी को हनी ट्रैप में फंसाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने व्यापारी को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर अधिक मुनाफे का लालच देकर धोखा दिया। जब पीड़ित को अपनी कमाई डूबने का अहसास हुआ, तब तक उसने ठगों के खाते में करोड़ों रुपये निवेश कर दिए थे। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मिलीं जानकारी के अनुसार कपड़े के व्यापारी ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि 6 जनवरी 2025 को तनिष्का शर्मा नाम की एक लड़की ने फेसबुक में मैसेंजर के जरिए पीड़ित से संपर्क किया। फेसबुक मैसेंजर में बातचीत करने के बाद दोनों ने अपने व्हाट्सएप मोबाइल नंबर आदान-प्रदान किया। इसके बाद दोनों के बीच चैटिंग शुरू हो गई।
युवती ने बताया कि वह गोमती नगर लखनऊ से है और दुबई में उसकी जिम उपकरण की निर्माण इकाई है। उसके पिता इकाई को चलाते हैं। वह लखनऊ में रहकर व्यापार देखती है, साथ ही व्यापार के साथ वह WhatsApp Business Calling API बीटा पर मुद्रा पर व्यापार करती है। इससे वह हमेशा अच्छा लाभ कमाती है।
ऐसे दिया झांसा:
युवती ने बताया कि उसके चाचा जेपी मॉर्गन के अमेरिका में उप प्रबंधक हैं। व्यापार के लिए उनकी अपनी एनालिटिक्स टीम है। टीम में 70 से अधिक कर्मचारी इस व्यापार के लिए डेटा विश्लेषण करते हैं। युवती ने बताया कि अंकल के कहे अनुसार वह यह व्यापार करती है। 10 दिनों की व्हाट्सएप बातचीत के बाद युवती ने क्रिप्टो मुद्रा में व्यापार करने के लिए एक लिंक भेज कर खाता खुलवाया। खाता खुलने के बाद निवेश के लिए यूएसडीटी खरीदने के लिए कहा।
युवती ने पीड़ित को कस्टमर केयर नंबर भी दिया और उसे पर संपर्क करने को कहा. कस्टमर केयर ने पीड़ित से भुगतान विधि के बारे में पूछा तो उन्होंने यूपीआई के माध्यम से बताया। पीड़ित ने रकम भुगतान करने के लिए यूपीआई आईडी दी। सबसे पहले एक लाख रुपये भुगतान किया। इसके चलते उनके वॉलेट में 10 हजार रुपए मुनाफे के ट्रांसफर किए गए।
ऐसे हुआ ठगी का अहसास:-
उसके बाद पीड़ित समय-समय पर धनराशि निवेश में लग गया। मार्च महीने तक पीड़ित ने दो करोड़ 67 लाख रुपए का निवेश किया। इसमें पीड़ित ने लाभ तो कमाया, लेकिन उनकी साइट पर दिए गए अपने डिजिटल वॉलेट से राशि नहीं निकाल पाया। जब पीड़ित ने कस्टमर केयर पर संपर्क किया तो उन्हें रकम निकालने के लिए 6 प्रतिशत सीमा शुल्क मांगा गया। इसके बाद पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।
साइबर क्राइम कंट्रोल सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही जिन खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई है, उन खातों की जांच की जा रही है।