त्रिवेंद्र की पहल पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा दुर्मिताल क्षेत्र

गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने ऐतिहासिक दुर्मिताल का निरीक्षण करते हुए क्षेत्रीय लोगों को आश्वासन दिया कि इस ताल को विकसित कियें जाने के लिए जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
जिलाधिकारी स्वाति ने जिले के तमाम अधिकारी के साथ पाणा ईराणी क्षेत्र के अंतर्गत ऐतिहासिक दुर्मिताल का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय हैं कि दैवीय आपदा के दौरान यह विशाल तालाब आपदा की भेंट चढ़ गया था। इसके बाद से इस क्षेत्र की जनता इस ताल के पुनर्निर्माण की मांग करते आ रही थी। यह मांग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक पहुंची तो उन्होंने इस का परीक्षण कर इसे पुनः पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही।
इसके तहत सोमवार को दुर्मिताल पहुंची डीएम ने दुर्मी एवं बह गये तालाब एवं आसपास के प्राकृतिक सुंदरता की सराहना करते हुए कहां कि वास्तव में यह स्थान प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है, इसे विकसित किया जाए तो प्रति वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक यहां का रूख कर सकते हैं। जिससे इस क्षेत्र के साथ ही राज्य को भारी आर्थिक लाभ मिल सकता हैं।

उन्होंने कहा कि वे यथाशीघ्र ही दुर्मिताल के साथ ही आसपास के क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार कर शासन को भेजेंगे ताकि जल्द से जल्द उस पर कार्य शुरू हो सके।
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, चमोली जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र रावत, दशोली के प्रधान संघ अध्यक्ष मोहन सिंह नेगी, पाणा के प्रधान कलावती देवी, दुर्मि की प्रधान कविता देवी ने जिलाधिकारी को क्षेत्रीय समस्याओं से रूबरू करवाते हुए उन्हें क्षेत्र के संबंध में तमाम जानकारियां दी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे, उप जिलाधिकारी बुशरा अंसारी, सिंचाई विभाग के ईई बहादुर सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का गाजे-बाजों के साथ स्वागत किया।

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