अंकिता हत्याकांड : साजिश के राजदार पटवारी का फोन बंद, सस्पेंड

  • अंकिता के पिता ने पटवारी को दी थी बेटी की गुमशुदगी की सूचना तो चार दिनों की छुट्टी पर चले गये पटवारी साहब

देहरादून। अंकिता हत्याकांड में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। बेटी के लापता होने के बाद अंकिता के पिता ने पटवारी वैभव प्रताप को सूचना दी थी। वैभव ने साजिश के तहत कोई कार्रवाई करने के बजाय चार दिन की छुट्टी ले ली ताकि इस बीच अंकिता का शव खुर्दबुर्द हो जाए। छुट्टी पर जाने से पहले वैभव ने पटवारी विवेक कुमार को चार्ज दिया था। वैभव ने छुट्टी पर जाते ही अपना फोन भी बंद कर दिया था। इससे जाहिर होता है कि उसे पता था कि अंकिता की हत्या कर दी गई है। प्रशासन भी उससे संपर्क नहीं कर  पा रहा था।
गौरतलब है कि यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के अंतर्गत आता है। इसलिए पहले सूचना पटवारी वैभव प्रताप को ही दी गई। बाद में दूसरे पटवारी ने शिकायत लिखी। चार दिन बाद जब केस रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित हुआ तब पूरा मामला खुला। जांच में सामने आया कि पटवारी और आरोपी पुलकित आर्य के बीच दोस्ती थी। वैभव का वनंत्रा रिजॉर्ट में पहले से खूब आना जाना था। करीब एक महीने पहले पटवारी वैभव प्रताप का कांडाखाल स्थानांतरण हुआ था।
तहसीलदार मनजीत सिंह गिल ने बताया कि आपदा काल को देखते हुए पटवारी वैभव को मौखिक आदेश पर रोका गया था। बताया जा रहा है कि वैभव अंकिता के पिता से भी ढंग से पेश नहीं आया था। मामले में शुरू से ही पटवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। लोग लगातार सरकार से पटवारी को हटाए जाने और इस पूरे मामले में पटवारी को लेकर भी जांच करने की मांग कर रहे थे। डीएम डॉ. विजय जोगदंडे ने वनंत्रा रिजॉर्ट की वैधता की जांच एडीएम पौड़ी को सौंप दी है। वहीं, जांच कमेटी भी बनाई गई है। वन व राजस्व विभाग के कर्मचारी इसमें शामिल हैं। साथ ही डीएम ने 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
डीएम ने कहा कि वनंत्रा रिसोर्ट पर बुलडोजर की कार्रवाई तहसील स्तर पर की गई है। बाद में इसकी सूचना मिली थी। पुलिस ने उन्हें बताया कि कोई साक्ष्य प्रभावित नहीं हुआ। सभी जरूरी साक्ष्यों का संकलन कर लिया गया था।

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