ऊर्जा निगम : जफा के नाम पर तुम क्यों संभलकर बैठ गये, बात तुम्हारी नहीं…!

हम नहीं सुधरेंगे

  • निगम के एमडी ने ‘राजस्व नहीं वसूला तो वेतन से कटेगा पैसा’ का दिया व्यावहारिक आदेश तो प्रदर्शन पर उतरे जनाब
  • अपनी कार्यशैली सुधारने को तो तैयार नहीं, दी धमकी- वेतन से कोई कटौती की गई तो तत्काल चले जाएंगे हड़ताल पर

देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यूपीसीएल के एमडी का ‘राजस्व वसूली नहीं की तो वेतन से कटेगा पैसा’ का व्यावहारिक आदेश आने के बाद भी ऊर्जा निगम में राजस्व वसूली से जुड़े कर्मचारी अपनी कार्यशैली सुधारने के लिये तैयार नहीं हैं और वे इसके विरोध में उतर आए हैं। इसी क्रम में आज सोमवार को उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन व उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन के सदस्यों ने ऊर्जा भवन पर प्रदर्शन किया। 
गौरतलब है कि ऊर्जा निगम की ओर से 8 जनवरी को एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया कि अगर राजस्व वसूली नहीं की तो इस काम के लिये तैनात फील्ड कर्मचारियों के वेतन से पैसा काटा जाएगा। इस आदेश के खिलाफ उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन और उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन विरोध में उतर आई है। आज सोमवार को दोनों संगठनों ने अलग-अलग ऊर्जा भवन पर प्रदर्शन किया।
इन दोनों संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी फील्ड कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती की गई तो वह बिना किसी नोटिस के तत्काल हड़ताल पर चले जाएंगे। उल्लेखनीय कि यूपीसीएल के एमडी डॉ. नीरज खैरवाल ने अपने आदेश में लिखा है कि निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष वसूली नहीं की जा रही है। इस पर 96वीं निदेशक मंडल की बैठक में भी नाराजगी जाहिर की जा चुकी है। लिहाजा फील्ड कर्मचारियों का वेतन वसूली और लाइनलॉस से लिंक किया जा रहा है, ताकि उनके वेतन से वसूली हो सके।
सभी फील्ड कर्मचारियों को कहा गया है कि वे व्यावहारिकता के आधार पर निर्धारित लक्ष्य के तहत वसूली और लाइन लॉस में कमी लाएं। अगर ऐसा न किया गया तो सीधे तौर पर उपखंड अधिकारी, अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता इसके लिए जिम्मेदार होंगे। निगम के एमडी का आदेश आने के बाद ऊर्जा निगम से जुड़े कर्मचारी संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं। 

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