अंकों से खेलने के साथ साहित्य के पुजारी हैं तापस चक्रवती

  • बचपन से विलक्षण प्रतिभा के धनी, 12 साल की उम्र में पहली कहानी प्रकाशित
  • यात्रा वृतांत रुक जाना नहीं के लिए राष्ट्रपति द्वारा मिल चुका है पुरस्कार
  • कमाल का समन्वय जीएसटी विभाग में अधीक्षक के साथ लेखन प्रेम

देहरादून। देहरादून के रायपुर में पिता मनोबिलास चक्रवती और गीता चक्रवती के घर जन्मे तापस चक्रवती बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे हैं। जो वर्तमान में जीएसटी विभाग में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी बचपन से ही लेखन में रुचि थी। जो आज भी बदस्तूर जारी है। मात्र 12 साल की उम्र में उनकी एक बाल कहानी अमर उजाला अखबार में प्रकाशित हो गई थी। इसके बाद वह कई कहानियों का लेखन करते रहे हैं। कई राष्ट्रीय समाचार पत्रों में उनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं। पूर्व में बाल विषयों पर दून दर्पण में एवं खेल विषयक लेख नॉर्थर्न पूलैश, खेलभारती, क्रिकेट सम्राट व स्पोर्ट्सवीक आदि में प्रकाशित हुए हैं। तापस चक्रवती वर्तमान में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सहभागिता के अतिरिक्त आकाशवाणी के कार्यक्रमों में भी नियमित रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं। तापस ने साहित्य में रुचि होने के बावजूद गणित से परा स्नातक और एमबीए किया। लेकिन उन्होंने अपने लेखन के शोक को जारी रखा है। वे हिंदी एवं अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में लिखते हैं। उनका शोक पुस्तकें, पत्रिकाएं पढ़ना, भ्रमण, लेखन, फोटाग्राफी और समाज सेवा है। तापस चक्रवती की शिक्षा देहरादून और आगरा से हुई है।

जल्द बाजार में आने वाली हैं दो किताबें
तापस चक्रवती की अंग्रेजी और हिंदी में दो पुस्तकें इन दिनों एडीट हो रही हैं। जो जल्द ही प्रकाशित होने के बाद बाजार में आएगी। बकौल तापस चक्रवती की बचपन से ही इच्छा थी कि रेडियो में उनकी आवाज सुनाई दे और अखबारों में उनकी कहानियां प्रकाशित हों। इसलिए लेखन में हमेशा से ही उनकी रुचि है। गणित और साहित्य में थोड़ा विरोधाभास पूछने पर उनका कहना है कि अंकों का भी अपने आप में जन्म से ही एक अनोखा खेल है। इसलिए उनकी गणित में भी बहुत रुचि थी।

प्रकाशित पुस्तकें: लघुकथा-संग्रह तिनके 2011 और यात्रा वृतांत रुक जाना नहीं 2016 में देहरादून से प्रकाशित हुई हैं। यात्रा वृतांत रुक जाना नहीं मौलिक लेखन के लिए राष्ट्रपति द्वारा तापस चक्रवती को वर्ष 2016 के राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया चुका है। इससे पूर्व भी हिंदी लेखन के लिए अपने विभाग एवं राजभाषा विभाग की ओर से कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है। हालही में उनकी किताब मंदिरों का नगर विष्णुपुर के मौलिक लेखन पर पर्यटन मंत्रालय द्वारा द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया है।

तापस चक्रवर्ती को मिली पदोन्नति
सीजीएसटी देहरादून (वित्त मंत्रालय) में 30 साल से अधिक समय से अधीक्षक के पद तैनात तापस चक्रवर्ती को पदोन्नति दी गई है। उनके उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए सहायक आयुक्त (भारतीय राजस्व सेवा) के पद पर पदोन्नत किया गया है। विभाग में शामिल होने के बाद से विभिन्न जिलों में कार्यभार संभाला है। वर्तमान में वह देहरादून के आयुक्त (अपील) कार्यालय में तैनात हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा 770 सीजीएसटी और 198 सीमा शुल्क अधिकारियों के पदोन्नति के आदेश जारी किए गए हैं। पोस्टिंग के आदेश जल्द जारी किए जाने की संभावना है।

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