किशाऊ बांध परियोजना का दोबारा होगा सर्वे

देहरादून। किशाऊ बांध परियोजना के लिए अब दोबारा सर्वेक्षण किया जाएगा। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड इस सर्वेक्षण के आधार पर संशोधित डीपीआर तैयार करेगा। इसके बाद बांध से लाभान्वित होने वाले उत्तराखंड सहित छह राज्यों के बीच एग्रीमेंट किया जाएगा।
किशाऊ बांध परियोजना को सरकार ने वर्ष 2008 में राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया था। यह उत्तराखंड के देहरादून स्थित टोंस नदी और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के बीच तैयार होने वाली परियोजना है। इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद से कई साल बीत गए, लेकिन बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई।
पिछले साल 21 सितंबर को दूसरी बोर्ड बैठक और इसके बाद 24 नवंबर को हुई हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद तय किया गया इसकी डीपीआर संशोधित की जाएगी। इस संशोधन से पहले नए सिरे से हाईड्रोलॉजिकल डाटा, सर्वेक्षण, अतिरिक्त सर्वेक्षण, विस्तृत जियो तकनीकी इन्वेस्टिगेशन, ताजा सीसमिक पैरामीटर स्टडीज, प्रोजेक्ट के संशोधित खर्च के हिसाब से संशोधित स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। माना जा रहा है कि संशोधित डीपीआर में इस प्रोजेक्ट की लागत 11 हजार करोड़ से बढ़कर 15 हजार करोड़ तक हो सकती है।

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