उत्तराखंड : बंदियों ने खोजा नौकरशाहों के ‘दर्द’ का इलाज!

आराम का मिल रहा ‘इनाम

  • सचिवालय में आरामदायक कुर्सियों से हर तीसरा अफसर व कर्मी ‘बैक पेन’ से दुखी
  • इससे बचने को जिला जेल दून को कुर्सियों का ऑर्डर देगा सचिवालय प्रशासन विभाग

देहरादून। जिला कारागार देहरादून के बंदियों के हाथों से तैयार लकड़ी की कुर्सियां अब सचिवालय के नौकरशाहों और कर्मचारियों के ‘दर्द’ का इलाज बनेंगी। सचिवालय का हर तीसरा अफसर व कर्मी ‘बैक पेन’ से परेशान हैं। अफसरों के बैठने के गलत तरीके के साथ आरामदायक और गद्देदार कुर्सियां इस दर्द की मुख्य वजह माना जा रहा है।
हालांकि यह समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि सचिवालय में नौकरशाहों को कुर्सियां बदलने की मांग उठानी पड़ी है। उनकी इस मांग पर सचिवालय प्रशासन विभाग ने पहल शुरू कर दी है। सुद्धोवाला स्थित जिला कारागार से लकड़ी से तैयार कुर्सियों के सैंपल मंगाए गए हैं, जिनकी सार्वजनिक नुमाइश करने के बाद अब ऑर्डर देने की तैयारी है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सचिवालय में 1200 से अधिक अफसर कर्मचारी हैं। सहायक समीक्षा अधिकारी तक के सभी अफसर व कर्मी लगातार घंटों बैठकर काम करते हैं। कई अनुभागों में कुर्सियां पुरानी और नए डिजाइन की हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इन पर लंबे समय तक बैठकर काम करने से कमर पर दबाव बढ़ रहा है।
उत्तराखंड सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी कहते हैं कि कई कर्मचारी बैक पेन से परेशान हैं। इसकी एक प्रमुख वजह आरामदायक कुर्सियां हैं। डॉक्टर भी सलाह दे रहे हैं कि कुर्सी लचीली होने के बजाय सख्त होनी चाहिए। सचिवालय का हर तीसरा कर्मचारी कमर के दर्द से परेशान है।
इसकी पुष्टि सचिवालय में संचालित हो रहे अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. बिमलेश जोशी भी करते हैं। वह बताते हैं कि उनके पास कमर दर्द से पीड़ित कर्मचारी इलाज के लिए आ रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ रही है। इसकी वजह वह भी बैठने के गलत तरीके और कुर्सियों को मान रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सख्त सपोर्ट वाली कुर्सी ‘बैक पेन’ से बचाने में मददगार हो सकती है। अपर सचिव (सचिवालय प्रशासन) विनोद कुमार सुमन का कहना है कि जिला कारागार में बंदियों द्वारा तैयार की गई लकड़ियों की कुर्सियों के सैंपल सचिवालय में रखे गए हैं। सभी ने इसे देख लिया है।
चिकित्सकों के मुताबिक आरामदायक और गद्देदार कुर्सी पर गलत तरीके से बैठने पर रीढ़ की हड्डी पर दबाव बनता है। जिससे कमर दर्द और स्पांडिलाइटिस का खतरा बढ़ता है। इससे जकड़न या कमर में छूने पर और कूल्हे में दर्द होता है। सचिवालय संघ ने भी सचिवालय प्रशासन की पहल का समर्थन किया है। उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है किलकड़ी से बनी कुर्सियों से कर्मचारियों को बैक पेन से छुटकारा दिलाने में मदद मिलेगी।

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