भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे पर आई दरारें

जोशीमठ। भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़ा जोशीमठ-औली रोपवे भी खतरे की जद में है। स्थिति यह है कि रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए क्षेत्र में है, जिसके चलते रोपवे को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। जोशीमठ-औली रोपवे की प्लेटफार्म पर दरारें आ गई है। खतरे को देखते हुए रोपेव का संचालन बंद कर दिया गया है। कल शुक्रवार रात को रोपवे पर ये दरारें आई है।

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जोशीमठ-औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है। बता दें कि इसी वार्ड में रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है। फिलहाल टावर जिस खेत में स्थित है वहां दरार नहीं आई है। जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है जिसमें 10 टावर लगे हैं। रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है। वहीं जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here