भारतीय नेताओं को शी ने दिया बड़ा सबक
- चेन्नई से महाबलीपुरम तक अपनी चीनी कार में गए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
- महाबलीपुरम तक का 57 किमी का सफर चीन से लाई हॉन्गशी कार में किया तय
महाबलीपुरम। दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में शुमार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यहां भारतीय नेताओं को एक बड़ा सबक दिया।
शुक्रवार को वह चेन्नई पहुंचे थे। यहां से चीन के राष्ट्रपति महाबलीपुरम का 57 किमी का सफर हेलीकॉप्टर की बजाय सड़क मार्ग से तय किया। इसके लिए चीन से हॉन्गशी कार लाई गई थी। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ के वक्त से ही नेता इस कार में चलते हैं। चीन की नीति के मुताबिक वहां के नेता हेलीकॉप्टर से सफर नहीं करते। जबकि हमारे देश में बाढ़ग्रस्त या सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा तक करने में नेताओं में होड़ मची रहती है और छोटी—मोटी यात्राओं में भी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना अपनी शान समझते हैं। शी जिनपिंग अपनी कार का इस्तेमाल कर परोक्ष रूप से भारतीय नेताओं को फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने की नसीहत भी दे गये।
चीनी अफसरों के मुताबिक शी इस कार का इस्तेमाल दो दिवसीय यात्रा के दौरान घूमने के लिए करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिनपिंग को अर्जुन की तपस्थली, पंच रथ और शोर मंदिर दिखाए। सातवीं सदी में बना यह स्थान विश्व धरोहर है। यहां पहुंचने वाले जिनपिंग तीसरे चीनी नेता हैं। सातवीं सदी में मशहूर चीनी यात्री ह्वेन सांग और 1956 में तत्कालीन राष्ट्रपति चाऊ एन लाई यहां आ चुके हैं। बीते 63 साल से यहां पहली बार कोई चीनी नेता आया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘अनौपचारिक शिखर सम्मेलन भारत-चीन के संपर्कों को उच्चतर स्तर पर मजबूत करेगा और भविष्य का रास्ता दिखाएगा।’ जिनपिंग 90 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल लेकर भारत आए हैं। आज शनिवार सुबह चेन्नई में मोदी से बातचीत के बाद जिनपिंग अपनी टीम के साथ नेपाल रवाना हो गये हैं।