विराट समेत 0 पर आउट हुए आठ बल्लेबाज!

क्रिकेट का गोल्डन डक डे

  • रविवार को टेस्ट में विराट तो टी20 I में मनरो हुए गोल्डन डक का शिकार
  • इंग्लैंड में खेली जा रही विमेन टी20 लीग में छह बल्लेबाजों ने शून्य रन बनाये
  • भारत से विराट के अलावा स्मृति मंधाना भी हुईं गोल्डन डक का शिकार

नई दिल्ली। क्रिकेट में रविवार का दिन ‘गोल्डन डक डे’ बन गया। चाहे इंटनेशनल क्रिकेट हो या लीग क्रिकेट सभी जगह आठ बल्लेबाज ऐसे आउट हुए जो अपना खाता भी नहीं खोल पाए। इन आठ में से छह बल्लेबाज गोल्डन डक, एक डायमंड और एक सिल्वर डक का शिकार हुए। गोल्डन डक की इस कड़ी भारत के भी दो खिलाड़ी शामिल रहे। 
इस डक नाम के पीछे एक अनोखी कहानी भी है। 17 जुलाई 1866 को जब प्रिंस ऑफ वेल्स बिना कोई रन बनाए आउट होकर पवेलियन लौटे तो एक अखबार ने अगले दिन शीर्षक दिया, ‘प्रिंस बत्तख के अंडे पर बैठकर पवेलियन लौटे’। इसके पीछे वजह यही थी कि 0 का आकार बत्तख के अंडे के जैसा था। इसके बाद से शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाजों के लिए डक का इस्तेमाल किया जाने लगा। 
विराट कोहली (भारत) : रविवार को वेस्ट इंडीज की पहली पारी को 117 रन पर समेटने के बाद टीम इंडिया ने बल्लेबाजी की। पारी के 21वें ओवर में ही विराट की बैटिंग आ गई, लेकिन केमार रोच की बोलिंग पर विराट अपनी पहली ही गेंद पर विकेटकीपर जे. हैमिल्टन को कैच देकर वह पवेलियन लौट गए।
कोलिन मनरो (न्यूजीलैंड): रविवार को पल्लेकल (श्रीलंका) में श्रीलंका और न्यूजीलैंड की टीमें टी20 इंटरनैशनल मैच खेल रही थी। कीवी टीम यहां 175 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ही थी कि लंकाई कप्तान लसिथ मलिंगा ने कीवी टीम को पहले ही ओवर में करारा झटका दे दिया। यहां कोलिन मनरो अपनी पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए। 
स्मृति मंधाना (भारत) : भारत की स्मृति मंधाना इन दिनों इंग्लैंड में खेली जा रही ‘विमेन क्रिकेट सुपर लीग टी20’ टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं। वेस्टर्न स्ट्रोम की ओर से ओपनिंग पर आईं मंधाना साउदर्न वाइपर्स की मीडियम तेज गेंदबाज तैश फैरेंट की गेंद पर कैच आउट होकर गोल्डन डक का शिकार बन गईं। इस मैच में तीन बल्लेबाज 0 का शिकार बनीं। 
माइया बाउचर (इंग्लैंड) : स्मृति मंधाना वाले इस मैच में ही मंधाना से पहले माइया बाउचर भी 0 के स्कोर पर ही आउट हुईं। बाउचर रविवार को कुछ ज्यादा ही दुर्भाग्यशाली रहीं कि जहां ज्यादातर बल्लेबाज गोल्डन डक का शिकार हो रहे थे। वह यहां ‘डायमंड डक’ का शिकार हो गईं। माइया बिना कोई गेंद खेले ही रन आउट हो गईं। 
सोफी लफ (इंग्लैंड) : मंधाना की टीम की यह विकेटकीपर बल्लेबाज पांचवें नंबर पर जब बैटिंग के लिए आईं तो गोल्डन डक के इस तीर का वह भी शिकार हो गईं। सूफी को अमांडा जेडे वेलिंग्टन ने अपना शिकार बनाया। 
लुसी हिगम (इंग्लैंड) : विमेन क्रिकेट सुपरलीग में लॉफबोरफ लाइटनिंग और साउदर्न वाइपर्स के बीच खेले गए इस मैच में लॉफबोरफ लाइटनिंग की ओर से तीन खिलाड़ी 0 पर आउट हुईं। इसमें से दो ने गोल्डन डक और एक ने सिल्वर डक बनाया। 10वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरीं लुसी हिगम न्यू जीलैंड की सुजी बेट्स ने अपना शिकार बनाया। 
क्रिस्टी गॉर्डन (इंग्लैंड) : लुसी के बाद अगली ही गेंद पर बेट्स ने 11वें नंबर पर उतरीं क्रिस्टी गॉर्डन को उनकी पहली ही गेंद पर बोल्ड कर दिया। इस तरह लॉफबोरफ की टीम 143 रन पर ऑल आउट हो गई। 
जे गार्डनर (इंग्लैंड) : क्रिस्टी और लूसी से पहले इंग्लैंड की लॉफबोरफ की जॉनी गार्डनर दो गेंद खेलकर आउट रन आउट हुईं। इस तरह वह सिल्वर डक का शिकार बनीं। 
आइये अब जानते हैं कि डक कितने तरह के होते हें।
गोल्डन डक : जब कोई बल्लेबाज अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे गोल्डन डक कहा जाता है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने वनडे डेब्यू में बांग्लादेश के खिलाफ गोल्डन डक का शिकार हुए थे। 
डायमंड डक : डायमंड डक उस परिस्थिति को कहा जाता है जब कोई बल्लेबाज बिना कोई गेंद खेले ही आउट हो जाए। ऐसा नॉन-स्ट्राइकर के साथ हो सकता है जब वह रन पूरा करने के प्रयास में क्रीज से बाहर रह जाए। 
रॉयल डक/प्लेटिनम डक : जब कोई बल्लेबाज मैच या पारी की पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे आम तौर पर रॉयल या प्लेटिनम डक कहा जाता है। 
पेयर या किंग पेयर : जब कोई बल्लेबाज टेस्ट मैच की दोनों पारियों में बिना कोई रन बनाए आउट हो जाए तो उसे पेयर कहा जाता है और जब कोई बल्लेबाज मैच की दोनों पारियों में अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे किंग पेयर कहते हैं। 
इसके अलावा सिल्वर और ब्रॉन्ज डक भी क्रिकेट टर्मोनॉलोजी का हिस्सा हैं। पारी की दूसरी गेंद पर आउट होना सिल्वर डक और तीसरी गेंद पर आउट होना ब्रॉन्ज डक कहा जाता है। हालांकि ये ज्यादा पॉप्युलर नहीं हैं। 
सबसे ज्यादा डक : क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मिलाकर सबसे ज्यादा बार शून्य यानी डक पर आउट होने का रेकॉर्ड श्री लंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के नाम है। वह 495 अंतरराष्ट्रीय मैचों की 328 पारियों में कुल 59 बार शून्य पर आउट हुए। इसके बाद वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज कॉर्टनी वॉल्श का नंबर आता है जो 264 पारियों में कुल 54 बार जीरो पर आउट हुए। भारत के लिए यह ‘रेकॉर्ड’ जहीर खान के नाम है जो 309 अंतरराष्ट्रीय मैचों की 232 पारियों में कुल 44 बार डक पर आउट हुए। 
पहला डक : नेड ग्रेगोरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शून्य पर आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। ऑस्ट्रेलिया के इस बल्लेबाज ने पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट की पहली पारी में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में अपना नाम रेकॉर्ड बुक में दर्ज करवाया। 
डॉन का वह डक : सर डॉनाल्ड ब्रैडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में डक पर आउट हुए। इससे टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी औसत 99.94 का रहा। अगर वह उस पारी में सिर्फ चार रन भी और बना लेते तो उनका टेस्ट बल्लेबाजी औसत 100 का होता। 
बॉम्बे डक : भारतीय तेज गेंदबाज ऑलराउंडर अजीत अगरकर के लिए यह टर्म इस्तेमाल किया गया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह लगातार पांच पारियों में खाता खोले बिना आउट हो गए थे। 

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