उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर होगी सीधी भर्ती…

  • शासन ने राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा अधियाचन
  • विभागीय हेडमास्टर व वरिष्ठ प्रवक्ता होंगे आवेदन को पात्र

देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग की तरफ से शासन को भेजे गए प्रस्ताव के क्रम में अब प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने की तैयारी की जा रही है। राज्य के इण्टरमीडिएट कॉलेजों में वर्षों से रिक्त पड़े प्रधानाचार्यों के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जायेंगे। इस संबंध में शासन ने राज्य लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया है। उक्त प्रस्ताव विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा दो माह पूर्व शासन को उपलब्ध कराया गया था। अब प्रधनाचार्यों के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने के उपरांत संबंधित विद्यालयों में पठन-पाठन व प्रशासनिक सुधार होगा।

विभागीय सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा विगत दो-तीन वर्षों में एल0टी0 एवं प्रवक्ता संवर्ग के हजारों रिक्त पदों को भरा जा चुका है। इसी क्रम में इंटरमीडिएट कॉलेजों में वर्षों से रिक्त प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्या के 1024 रिक्त पदों को भरने की कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके तहत 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती व 50 फीसदी पद विभागीय पदोन्नति से भरे जाने हैं। शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद उच्च न्यायलय में विचाराधीन होने के कारण विभागीय पदोन्नति के पद नहीं भरे जा सके हैं, जिसको देखते हुये राज्य सरकार ने विगत वर्ष 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरने का फैसला कैबिनेट में लिया था।

जिसके बाद विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाचार्यों के कुल रिक्त 1024 पदों में से 692 पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया गया। जिसका अधियाचन शासन द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है। जबकि प्रधानाचार्यों के कुल स्वीकृत 1385 पदों में से 361 पद विभागीय पदोन्नति से पहले ही भरे हुये हैं तथा 332 पदोन्नति के पद रिक्त हैं। जिनको शिक्षकों की वरिष्ठता विवाद सुलझने के उपरांत विभागीय पदोन्नति से भरा जाना है। विभाग शिक्षक संगठनों के माध्यम से शिक्षकों के वरिष्ठता विवाद को सुलझाने का भी प्रयास कर रहा है।

सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन के द्वारा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भेजे गये अधियाचन में स्पष्ट किया गया है कि सीधी भर्ती के तहत रिक्त कुल 692 पदों में से प्रधानाचार्य के 624 व प्रधानाचार्या के 68 पदों पर भर्ती की जानी है। जिसमें विभागीय पदोन्नति से कार्यरत प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापिका जिन्होंने 02 वर्ष की निरंतर संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो तथा विभागीय नियमावली के नियम-08 के तहत शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण योग्यता रखते हों आवेदन कर सकते हैं।

इसी प्रकार मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता जिन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज के सामान्य अथवा महिला शाखा में न्यूनतम 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण करने के साथ ही नियम-8 के तहत शैक्षणिक व प्रशिक्षण योग्यता धारित करते हों विभागीय परीक्षा हेतु पात्र होंगे। इसी प्रकार मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता जो सहायक अध्यापक एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रोन्नत हुये हों तथा प्रवक्ता के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष की निरंतर संतोषजनक सेवा पूर्व कर चुके हों साथ ही नियमावली के तहत शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यता पूर्ण करते हों सीधी भर्ती हेतु पात्र माने जायेंगे। आयोग द्वारा की जाने वाली सीधी भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग श्रेणी के पात्र शिक्षक/शिक्षिकाओं हेतु 4 प्रतिशत क्षैजित आरक्षण की भी व्यवस्था रखी गई है।

वहीं, मामले में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के खाली पदों की स्थिति को देखते हुए सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था। इस पर अब औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है।

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