किसानों के आंदोलन के आगे झुकी मोदी सरकार!

रंग लाया अन्नदाता का आंदोलन

  • आज भी सिंघु बॉर्डर पर हुआ पुलिस से टकराव और किसानों का पथराव
  • किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिये धरे रह गये दिल्ली पुलिस के इंतजाम
  • रास्ते में आठ बार राेके गए किसानों को दिल्ली में एंट्री की मिली इजाजत

नई दिल्ली। मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज शुक्रवार को दिल्ली के दरवाजे से आगे बढ़ गया है। आखिरकार मोदी सरकार झुक गई है और किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत दे दी है।
हालांकि सिंधु बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है। यहां हरियाणा और पंजाब के किसान बड़ी तादाद में जमे हुए हैं। बीच-बीच में पथराव हो रहा है। सिंधु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने तीन लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी। सबसे आगे कंटीले तार थे। फिर ट्रकों को बैरिकेड की तरह लगाया गया। आखिर में वाॅटर कैनन तैनात थी। इतने इंतजाम भी किसानों को नहीं रोक पाए। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली बॉर्डर तक तीन राज्यों की पुलिस ने आठ बार बड़ी नाकेबंदी कर किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान हर बार ट्रैक्टरों के सहारे आगे बढ़ते गए।
सिंधु बॉर्डर पर बड़ी तादाद में जमा हुए किसान : किसानों को दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर रोक गया। यहां वे बड़ी तादाद में ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे थे। पुलिस ने यहां आंसू गैस छोड़ी। कुछ देर पथराव भी हुआ। किसान दिल्ली में घुसने के लिए अड़े हुए थे। कुछ किसान वहीं धरने पर बैठ गए और खाना बनाने लगे। किसानों का कहना था कि हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे जारी रखते हुए हम दिल्ली में एंट्री करेंगे। लोकतंत्र में प्रदर्शन की इजाजत होनी चाहिए।
दिल्ली में स्टेडियम में जेल नहीं बनेगी : किसान आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल बनाने की इजाजत मांगी, लेकिन दिल्ली सरकार ने किसानों का समर्थन करते हुए पुलिस की मांग खारिज कर दी।
पुलिस ने सड़कें खोदीं, लेकिन अपना रास्ता खुद बनाते गए किसान : जिस तरह बस्तर के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई पड़ते हैं, ठीक वैसे ही गड्ढे हाईवे पर दिखाई दिए। पुलिस ने कई जेसीबी लगा दी। बैरिकेडिंग के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया। इसके बाद भी किसान खेतों के सहारे अपना रास्ता बनाते गए। किसानों की दिल्ली में बड़े आंदोलन की तैयारी है। इसके लिए वे ट्रैक्टरों पर गैस सिलेंडर और चूल्हे लेकर चल रहे हैं।
पानीपत में लगातार दूसरे दिन संघर्ष : पुलिस और किसानों के बीच लगातार दूसरे दिन बड़ा टकराव पानीपत में हुआ। बड़ी तादाद में किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गए। पीछे-पीछे पंजाब के किसान भी थे। इनकी हरियाणा पुलिस से झड़प होती रही। पानीपत के सेक्टर-29 के थाने के पास पुलिस ने जेसीबी मशीन बुला ली और सड़कों को खोद दिया। कई किसान शिवा गांव के पास मेन हाईवे पर खेतों से होते हुए कई किमी लंबे बैरिकेड को पार कर दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गए।
हरियाणा के किसान बोले- हम खाएंगे पहली लाठी : जब आंदोलन दिल्ली बॉर्डर के पास पहुंचा तो कमान हरियाणा के किसानों ने संभाली। पीछे-पीछे पंजाब के किसानों का जत्था आ रहा था। हरियाणा के किसानों का कहना था कि दिल्ली से सटे सिंधु बॉर्डर पर जो पुलिस तैनात है, वह हरियाणा के किसान नेताओं को जानती है। पंजाब से किसान भाई आए हैं, वो हमारे मेहमान हैं। इसलिए हम उन्हें आगे नहीं करेंगे, बल्कि पुलिस की पहली लाठी हम खाएंगे।
दिल्ली में इजाजत मिलने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, मैं किसानों के दिल्ली में एंट्री देने के केंद्र के फैसले का स्वागत करता हूं। अब केंद्र को तुरंत किसानों की परेशानियों के सिलसिले में उनसे तुरंत बात करनी चाहिए। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अहिंसक तरीके से आंदोलन करना हर भारतीय का अधिकार है। स्टेडियम को जेल नहीं बनाने देंगे।
दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे पर पुलिस ने एक ट्रक को बैरिकेड की तरह खड़ा किया था, लेकिन किसानों ने उसे ट्रैक्टर से खींचकर हटाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और किसानों की झड़प हो गई। दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे पर टिकरी बॉर्डर पर पुलिस ने वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया। यहां किसान पुलिस से उलझते नजर आए। हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वाहनों को सिंधु बॉर्डर की तरफ जाने से रोका जा रहा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दूसरे राज्यों में जाने वाले वाहन वेस्टर्न-ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जा सकते हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर पुलिस आज वाहनों की जांच कर रही है। बॉर्डर पर सीआईएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं।
आज शुक्रवार उत्तर प्रदेश के किसान भी सड़कों पर उतर आए हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के विरोध में यूपी नेशनल हाईवे अनिश्चितकाल के लिए जाम करने का ऐलान किया है। मथुरा में किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे जाम कर दिया।
उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को उनसे बात की जाएगी, पर किसान अपनी बात पर अड़े हैं। वे मोदी सरकार के तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रकों को आड़ा-तिरछा खड़ा कर रखा है। बॉर्डर पर वाहनों का लंबा जाम है।

नेशनल हाईवे बंद होने से लोग परेशान दिखे। पंजाब-हरियाणा हाईवे पर कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। लोग खेतों के रास्ते जाने पर मजबूर हुए। दिल्ली जाने के रास्ते आज भी बंद रहेंगे। किसान आंदोलन की वजह से चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे बंद रहा। इस वजह से चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट्स के टिकट 1000 फीसदी से भी महंगे हो गए। एयर विस्तारा ने 3 हजार वाली टिकट 35 हजार में बेची। एयर इंडिया ने कहा है कि किसानों के विरोध की वजह से जिन यात्रियों की गुररुवार को फ्लाइट छूट गई, वे इसे रीशेड्यूल करा सकेंगे। यात्रियों को यह सुविधा ‘नो शो वेवर’ के तहत मिलेगी।

क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान? केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार एमएसपी हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।

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