केजरीवाल ने फोड़ा ‘हिंदू कार्ड’ का ‘बम’ तो भाजपा और कांग्रेस में उठी ‘चिंगारी’!

  • दिल्ली के सीएम ने केंद्र सरकार से की अपील, ‘नोट पर गांधीजी के साथ हों लक्ष्मी गणेश के फोटो’

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘हिंदू कार्ड’ का ‘बम’ फोड़ दिया। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस में ‘चिंगारी’ उठ रही है। साथ ही अब भाजपा को समझ में नहीं आ रहा है कि केजरीवाल के इस ‘ब्रह्मास्त्र’ का मुकाबला कैसे करें।
आज केजरीवाल ने अप्रत्याशित रूप से ‘हिंदू कार्ड’ चलते हुए मोदी सरकार से अपील की है कि भारतीय रुपये पर गांधी जी के साथ लक्ष्मी-गणेश की भी तस्वीर होनी चाहिए। इसे सुख समृद्धि आएगी और पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा। उन्होंने कहा कि नए नोटों से इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखेंगे।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता जा रहा है। आम आदमी पर इसका असर साफ नजर आ रहा है। इसकी मार आम आदमी को भुगतनी पड़ रही है। हम चाहते हैं कि भारत अमीर देश बने, लोग अमीर बने। इसके लिए हमें कई सारे कमद उठाने पड़ेंगे। हमें बड़ी तादाद में अस्पतालों का निर्माण करना है, स्कूल खोलने हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
केजरीवाल ने कहा कि हमारी कोशिश तभी कामयाब होगी जब हम पर भगवान का आशीर्वाद होगा। कई बार ऐसा होता है कि काफी मेहनत करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं आता। ऐसे में भगवान के आशीर्वाद की जरूरत होती है। जब देवी देवताओं का आशीर्वाद हो तो नतीजे आने लगते हैं।
भाजपा ने केजरीवाल के बयान को यू-टर्न की पराकाष्ठा बताया है। केजरीवाल के इस बयान से सकते में आई भाजपा ने भी उन पर हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह वही व्यक्ति है जो हिंदू धर्म का अपमान करता है। अयोध्या जाने से इनकार करते हुए कहता है कि भगवान उनकी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगे। स्वास्तिक का अपमान करता है और अब हिंदू धर्म पर यू-टर्न लेता है।
वहीं कांग्रेस नेता सलमान सोज ने कहा कि अगर नोटों पर भगवान गणेश व माता लक्ष्मी को शामिल करने से समृद्धि आ सकती है तो इसमें अल्लाह, जीसस, गुरु नानक आदि को भी शामिल करना चाहिए।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा है और उन्हें भाजपा व आरएसएस की ‘बी टीम’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को किसी भी तरह की समझ नहीं है। यह उनकी वोटों की राजनीति है। अगर वह पाकिस्तान जाते हैं तो वोट लेने के लिए यह भी कह सकते हैं कि मैं पाकिस्तानी हूं, इसलिए मुझे वोट दें।
दिलचस्प बात यह है कि गुजरात चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाकर भाजपा को असमंजस में डाल दिया है। उनकी नोटों पर भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की फोटो की मांग पर भाजपा ‘किंकर्तव्यविमूढ़’ की स्थिति में आ गई है। दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल की इस मांग को अगर मोदी सरकार मान लेती है तो इसे केजरीवाल की जीत के रूप में देखा जाएगा और अगर खिल्ली उड़ाती है या इनकार करती है तो भाजपा को हिंदू विरोधी के रूप में देखा जाएगा। सभी सियासी पार्टियां इस हकीकत को अच्छी तरह जानती है कि सनातन हिंदू समाज में गणेश जी और लक्ष्मी जी के प्रति अगाध आस्था है और केजरीवाल के इस ‘ब्रह्मास्त्र’ का असर बहुत दूर तक असर दिखाएगा।
सियासत के कई ‘नब्जी’ हकीमों का कहना है कि जब थाली बजाने से कोरोना भगाया जा सकता है तो नोटों पर गणेश जी और लक्ष्मी जी की तस्वीर लगाने से भी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हो सकता है और देश की बदहाल अर्थव्यवस्था में सुधार आ सकता है। दिलचस्प बात यह है कि अगर केजरीवाल की इस मांग से हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग इसके पक्ष में खड़ा हो गया तो भाजपा के ‘मिशन 2024’ के रास्ते में एक नया अड़ंगा लगने के आसार नजर आ रहे हैं। अब ‘इधर कुआं उधर खाई’ की स्थिति में  देखने वाली बात यह है कि भाजपा आलाकमान इस वार का मुकाबला कैसे करेगा। 

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