देहरादून: लिव-इन में रहने वाला प्रेमी निकला कातिल, तीन महीने बाद खुला राज, सूटकेस में मिली लाश..

देहरादून। लिव इन रिलेशनशिप का एक और खौफनाक चेहरा सामने आया है। राजधानी देहरादून में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली एक युवती की हत्या उसी के प्रेमी ने कर डाली। प्रेमिका की हत्या कर प्रेमी ने लाश को बड़े सूटकेस में बंद किया और सूटकेस को आशारोड़ी के जंगल में फेंक दिया।

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीते 29 जनवरी को हरिद्वार निवासी शहरुल जहाँ ने अपनी 24 वर्षीय बेटी शहनूर की कोतवाली पटेलनगर पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बताया कि उनकी बेटी शहनूर देहरादून मे संस्कृति विहार कालोनी मे रहकर ब्यूटी पॉर्लर का काम करती थी, जो कि 26 दिसंबर 2023 से लापता है। पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली कि गुमशुदा शहनूर देहरादून मे संस्कृति लोक कालोनी मे राशिद नाम के युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप मे रहती थी, जो युवती के गुम होने के बाद से ही देहरादून से फरार चल रहा है। पुलिस ने राशिद को देहरादून से उसी घर के पास से गिरफ्तार किया।

पूछताछ मे राशिद ने बताया कि वो अपने गांव बागोवाली में मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का कार्य करता था, वर्ष 2017-18 में उसकी पहचान मोबाइल फोन के माध्यम से शहनूर से हुई थी। उसके बाद से ही वे लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में थे। सितम्बर 2023 में वह शहनूर से मिलने देहरादून आया और उसके बाद संस्कृति लोक कॉलोनी आईएसबीटी के पास एक कमरा किराए पर लेकर शहनूर के साथ रहने लगा। शहनूर से उसके काम के बारे में पूछने पर उसके द्वारा पार्लर में काम करना बताया जाता था, पर पार्लर का पता पूछने पर वो हमेशा बात टाल देती थी। बताया कि शहनूर हमेशा रात में देरी से और कई बार अगले दिन सुबह कमरे पर आती थी तथा और वजह पूछने पर हमेशा बातों को टाल देती थी।

राशिद को अंदेशा था कि शहनूर किसी प्रकार के गलत कामों में लिप्त है। राशिद ने बताया कि शहनूर 27 दिसंबर 2023 को भी सुबह करीब 02ः00 बजे कमरे पर आई। इस बात को लेकर दोनों का झगडा हो गया और शहनूर ने राशिद को गुस्से में थप्पड़ मार दिया। गुस्से में आकर आरोपित ने शहनूर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

इसके बाद अगले दिन शहनूर की स्कूटी को लेकर पटेल नगर लालपुल की तरफ गया, जहाँ उसने शहनूर के एटीएम कार्ड से सत्रह हजार रुपये कैश निकाले और एक लाल रंग का बडा सूटकेस, रस्सी खरीदी। बाद में शहनूर के शव को लाल सूटकेस के अन्दर बंद कर स्कूटी की पिछली सीट बांधकर उसे आशारोडी के आगे सुनसान जगंल में एक खाई में फेंक दिया। बाद में पकडे जाने के डर से स्कूटी लेकर अपने गाँव मुजफ्फरनगर चला गया।

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