एक और ‘डेथ ट्रैप’
- इस दर्दनाक हादसे में एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो की गई जान गई
- हेलीकॉप्टर में मौजूद भूटान के एक प्रशिक्षु पायलट की भी दुर्घटना में हुई मौत
- अस्सी के दशक के चीता हेलीकॉप्टर को कहा जाता है ‘डेथ ट्रैप’
नई दिल्ली। भारतीय सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर भूटान में क्रैश हो गया। जिसमें दोनों पायलट शहीद हो गए। सूत्रों के मुताबिक इस दुर्घटना में शहीद होने वाले पायलट में एक लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक का अधिकारी शामिल है। दूसरा भूटान का पायलट था जो भारतीय सेना के साथ प्रशिक्षण ले रहा था। घटना आज शुक्रवार को दोपहर एक बजे के आसपास की है जब हेलीकॉप्टर से अचानक संपर्क टूट गया। चीता ने खिरमू (अरुणाचल प्रदेश) से योंगफुल्ला के लिए उड़ान भरी थी। इसके मलबे का पता लगा लिया गया है।
गौरतलब है कि 80 के दशक से इस्तेमाल किए जा रहे चीता हेलीकॉप्टर को अब ‘डेथ ट्रैप’ भी कहा जाने लगा है। आर्मी अफसर लंबे समय से इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। ये हेलिकॉप्टर आज भी 60 के दशक की तकनीक से उड़ान भर रहे हैं। चीता हेलीकॉप्टर अपनी तय उम्र से ज्यादा सेवा दे रहे हैं। सेना में करीब 170 चीता और चेतक हेलीकॉप्टर हैं। 1990 में ही इनका प्रॉडक्शन रोक दिया गया था। फ्रांस की जिस सरकारी कंपनी के लाइसेंस पर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ये हेलिकॉप्टर बना रही थी, वह 2000 से बंद है।