अंकिता हत्याकांड में सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप, विरोध में दून से लेकर श्रीनगर तक प्रदर्शन

देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों पर कोई कार्रवाई न होने और सरकार पर उनको बचाने का आरोप लगाते हुए ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन व महिला सांस्कृतिक संगठन का धरना प्रदर्शन श्रीनगर में आठवें दिन भी जारी रहा।
इनके समर्थन में देहरादून में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज मंगलवार को अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा किए जाने और चार्जशीट की मांग को लेकर पुलिस मुख्यालय घेराव का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी समेत अन्य कार्यकर्ताओं को पहले ही हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए छात्र नेताओं को नेहरू कॉलोनी पुलिस चौकी लाया गया। इसके बाद एनएसयूआई के अन्य कार्यकर्ता भी नेहरू कॉलोनी चौकी पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वहीं धरना दिया।
छात्रों ने धरने के दौरान डीजीपी के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें में उन्होंने अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जगह सीबीआई जांच कराने और वीआईपी के नाम की जानकारी सार्वजनिक किए जाने की मांग की। वहीं पश्चिम बंगाल एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. तरुण मंडल ने धरने को समर्थन दिया। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने, आरोपियों का नार्को टेस्ट कराए जाने व परिजनों को न्याय दिलाए जाने की मांग की। डॉ. तरुण मंडल ने कहा कि अंकिता मामले के दोषियों पर कठोर कार्रवाई न होना सरकार की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दो महीने बाद भी पुलिस ने चार्जशीट तक दायर नहीं की। साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी मामले को नहीं ले जाया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि धामी सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
डॉ. मंडल ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध होने से देश की संस्कृति खतरे में है। सभी संगठनों और लोगों को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए और इस तरह के मामले में सशक्त कानून को बनाने की मांग करनी चाहिए। इससे सरकार दबाव में आकर इस प्रकार के मामलों में त्वरित कार्रवाई करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर कड़ी सजा का प्रावधान किए जाने की मांग भी की।

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