उत्तराखंड के इतिहास में देवस्थानम बोर्ड गठन सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम : त्रिवेंद्र

  • पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, भविष्य की सोच के साथ लिया गया देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला
  • जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, आने वाले समय में वही करेंगे बोर्ड बनाने के निर्णय की सराहना

चमोली। यहां दौरे पर आये पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन अब तक का सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है। भविष्य की सोच के साथ देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया गया। बोर्ड से ही उत्तराखंड का भला होगा। जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, आने वाले समय में वही बोर्ड बनाने की सराहना करेंगे।

रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भविष्य बदरी में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के समय लिए गए देवस्थानम बोर्ड बनाने के फैसले को आंकड़ों के साथ सही साबित करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से ही उत्तराखंड का भला होगा। आंकड़े पेश करते हुए त्रिवेंद्र ने कहा कि त्रिवेंद्रम मंदिर की सालाना आय 950 करोड़, तिरुपति बालाजी की 1140 करोड़, तमिलनाडु में रामेश्वर मंदिर की 350 करोड़, साईं बाबा शिरडी मंदिर की 500 करोड़, सिद्धि विनायक मंदिर मुंबई की 400 करोड़, वैष्णो देवी मंदिर की 400 करोड़ है। जबकि बदरी, केदार मंदिर की सालाना आय 15 करोड़ और गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर की छह करोड़ है।उन्होंने कहा कि देश के बड़े मंदिरों व धामों के आज मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इनसे गरीबों और जरूरतमंदों को किसी न किसी रूप में मदद मिल रही है। चारधाम में देश-दुनिया के हिंदू दान देना चाहते हैं। बोर्ड बनने से उनके लिए रास्ते खुले हैं। मैं भविष्य मंदिर के आंगन में खड़ा हूं, जो बोलूंगा सच बोलूंगा। आने वाले 5 से 10 साल में देवस्थानम बोर्ड के परिणाम सामने आएंगे। भविष्य की सोच के साथ बोर्ड का गठन किया गया। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे आने वाले समय में देवस्थानम बोर्ड के फैसले को सराहना करेंगे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here