‘प्रवासी मजदूरों को 15 दिन में उनके घर भेजें, उनके रोजगार की बनायें योजना’

सुप्रीम कोर्ट का मोदी सरकार को आदेश

  • प्रवासियों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के दर्ज केस वापस लेने पर करें विचार
  • प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करें केंद्र और राज्य सरकारें

नई दिल्ली। देशभर में लॉकडाउन के कारण अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को मोदी सरकार को आदेश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन में उनके घर भेजा जाए। साथ ही उनके खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन कानून के तहत दर्ज सभी केस वापस लेने पर विचार करें।
आज मंगलवार को जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने यह सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यह निर्देश भी दिया कि राज्य मांग करें तो 24 घंटे के अंदर प्रवासियों को उनके घर भेजने के लिए अतिरिक्त ट्रेन उपलब्ध कराएं। केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करें। उनके कौशल की पहचान के लिए मैपिंग करें। वे कुशल हैं या अकुशल, इस आधार पर उनके रोजगार की योजनाएं बनाएं। अब इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट ने बीती 28 मई को अंतरिम आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ट्रेनों और बसों से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से किसी तरह का किराया न लिया जाए। यह खर्च राज्य सरकारें ही उठाएं। कोर्ट ने आदेश दिया कि फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करें।

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