बदरीनाथ, गौरीकुंड एनएच जोड़ने के लिए रुद्रप्रयाग में 200 करोड़ से बनेगी सुरंग

प्रतीकात्मक तस्वीर

चारधाम विकास परियोजना

  • बीआरओ-66 गौचर ने 2008-09 में भेजा था रुद्रप्रयाग में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव
  • लगभग 902 मीटर होगी लंबाई, केंद्र से मिली भूमि हस्तांतरण की अनुमति
  • इसके लिये अलकनंदा नदी पर बनाया जाएगा 190 मीटर लंबा पुल

रुद्रपयाग। प्रदेश में चारधाम विकास परियोजना के तहत बदरीनाथ और गौरीकुंड नेशनल हाईवे को लिंक करने के लिए रुद्रप्रयाग में 902 मीटर लंबी सुरंग बनेगी। 200 करोड़ से बनने वाली इस सुरंग के लिए केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भूमि हस्तांतरण की अनुमति दे दी है। सालभर के भीतर सुरंग का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि बीआरओ-66 आरसीसी गौचर ने रुद्रप्रयाग में आबादी क्षेत्र से बाहर बदरीनाथ और गौरीकुंड नेशनल हाईवे को लिंक करने को 2008-09 में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। अध्ययन एवं विशेषज्ञों की राय के बाद केंद्र ने 2011-12 में सुरंग के सर्वे को मंजूरी दी। इसके बाद वर्ष 2015-16 में तीन चरणों में सर्वे पूरा किया गया।
कमान अधिकारी, बीआरओ-66 आरसीसी गौचर नागेंद्र कुमार ने बताया कि बीआरओ इसकी डीपीआर तैयार कर दे चुका है। पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय डिवीजन कार्यालय से आगे जवाड़ी बाईपास से लगे पहाड़ पर यह सुरंग बनेगी। इसका दूसरा छोर रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी में आबादी क्षेत्र से कुछ आगे निकलेगा। यहां सुरंग को ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे से लिंक करने के लिए अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सुरंग बनने से जिला मुख्यालय में केदारनाथ तिराहा, बेलणी पुल और मुख्य बाजार में आए दिन लगने वाले जाम से हमेशा के लिए निजात मिलेगी। वहीं नदी के दोनों तरफ बसे गांवों के लोगों की हाईवे तक पहुंच भी आसान हो जाएगी। दक्षिण कोरिया की योग्मा इंजीनियरिंग और भारत की फीडबैक इंट्रा कंपनी ने दो साल पहले सुरंग निर्माण के लिये संयुक्त रूप से बोर होल सर्वे किया था।

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