उत्तराखंड: 2019 के चुनावों में दिखी थी ‘नोटा’ की पावर, इन दो सीटों पर हारे थे आठ प्रत्याशी…

देहरादून। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। पांचों सीटों के लिए कुल 63 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। लोकसभा चुनाव के चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही कुमाऊं की दो लोकसभा सीटों पर ही मुकाबला होगा।

2019 के आंकड़ो की बात करे तो तब नैनीताल-ऊधम सिंह नगर और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर कुल आठ उम्मीदवार ऐसे थे जो कि नोटा से भी चुनाव हार गए। इन उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट पड़े थे। भाजपा ने दोनों सीटें बड़े अंतर से जीती थी।

नोटा दबाकर उम्मीदवारों को नकारा:- नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर इस बार भाजपा से अजय भट्ट व कांग्रेस से प्रकाश जोशी मैदान में हैं। जबकि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में एक बार फिर से भाजपा के अजय टम्टा व कांग्रेस के प्रदीप टम्टा के बीच संघर्ष दिखेगा। इसके अलावा छोटे दलों से जुड़े व निर्दलीय मैदान भी मैदान में उतरे हैं। मगर पिछले चुनाव के नतीजों पर नजर डाले तो नैनीताल-ऊधम सिंह नगर में 10,608 और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में 15,505 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर सभी उम्मीदवारों को नकार दिया था। खास बात यह है कि इन दोनों जगहों से किस्मत अजमाने वाले चार-चार प्रत्याशी नोटा की बराबरी भी नहीं कर पाए थे।

पोस्टल बैलेट में भी नोटा को मिले वोट:- निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार लोगों ने बूथ पर जाकर नोटा का बटन तो दबाया ही। साथ में पोस्टल बैलेट के माध्यम से चुनावी रण में उतरे उम्मीदवारों को नापसंद किया। 2019 में नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर 68 और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में 194 पोस्टल बैलेट नोटा के पक्ष में गए।

पिछले चुनाव में जिन्हें नोटा से कम मत मिले…

नैनीताल-ऊधम सिंह नगर                                   अल्मोड़ा-पिथौरागढ़

डा. कैलाश पांडे-5488,                                      सुंदर धौनी-10190

जेपी टम्टा-2053,                                                केएल आर्य-4060

प्रेम प्रसाद आर्य-3339,                                        द्रोपदी वर्मा-3050

सुकुमार विश्वास-3333,                                        विमला आर्य-5351

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