धामी सरकार की पहल, निर्माण श्रमिकों बच्चों के एजुकेशन की उठाई जिम्मेदारी, प्रोफेशनल कोर्स भी करवाएगी
देहरादून। उत्तराखंड में श्रमिकों को भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत किए जाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत राज्य में विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी भवनों एवं निर्माण के लिए काम करने वाले श्रमिकों को पंजीकृत किया जाना है। कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और मीनाक्षी सुंदरम ने अधिकारियों को कार्य स्थल पर ही कैंप लगाकर ऐसे श्रमिकों का पंजीकरण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कर्मकार बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्यस्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा देने के लिए देहरादून व हल्द्वानी में दो बसों का संचालन किया जा रहा है।
देहरादून में 58 व हल्द्वानी में 256 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में दो बस संचालित करने के लिए फर्म का चयन किया जा रहा है। भविष्य में राज्य के अन्य जिलों में भी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्य स्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। अध्यक्ष सुंदरम ने बताया कि बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा कोर्सेज के तहत बच्चों को आईटीआई, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल व प्रोडक्शन, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए संस्थानों का चयन किया जा रहा है। भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए भी संस्थानों का चयन कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बोर्ड के अन्तर्गत ईडीपी या आरपीएल एवं जयानन्द भारती कौशल विकास योजना के माध्यम से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को स्वयं एवं उनके परिवारों की आश्रित महिलाओं, बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी होगा। इसके लिए सिलाई मशीन ऑपरेशन, फैशन डिजाइनिंग, जूट बैग, हैंडीक्राफ्ट व अन्य ट्रेड में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।