
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर संसद की मुहर लग गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन बिल 2025 पारित हो गया। बता दें, राज्यसभा में गुरुवार को समर्थन में 128 वोट और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले लोकसभा में पक्ष में 288 वोट और विरोध में 232 सांसदों ने वोट डाले। अब इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला रिएक्शन सामने आया है।
इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे विशेष रूप से उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं और इस प्रकार उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक को मजबूत बनाने में योगदान देने वाले सभी सांसदों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नव संशोधित वक्फ विधेयक लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा तथा वक्फ प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी से मुस्लिम महिलाओं और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचा है। संसद द्वारा पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे, जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से, हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं। इस बीच, राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार ने ‘नकारात्मक रुख’ अपनाया है।