नैनीताल: नाबालिग लड़कों की गिरफ्तारी पर HC सख्त, सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नाबालिग प्रेमियों पर कार्रवाई के मामले पर सुनवाई की। डेटिंग के दौरान पकड़े जाने वाले नाबालिग प्रेमी युगल में से सिर्फ लड़के को ही गिरफ्तार करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितू बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है। कोर्ट के संज्ञान में आया है कि 20 नाबालिग बच्चे हल्द्वानी जेल में बंद है।
अधिवक्ता मनीषा भंडारी द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि नाबालिग लड़के-लड़कियों के प्यार के मामले में हमेशा दोषी लड़के को माना जाता है। जिनमें कुछ मामलों में लड़की उम्र में बड़ी होती है। तब भी लड़के को ही कस्टडी में लिया जाता है और उसे क्रिमिनल बनाकर जेल में डाल दिया जाता है। जबकि उसकी गिरफ्तारी के बजाय काउंसिलिंग होनी चाहिए। ऐसे में जिस उम्र में उसे स्कूल-कॉलेज होना चाहिए था, वह जेल में होता है।
● याचिकाकर्ता का कहना था कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत ऐसे मामले में लड़के, लड़कियों व परिजनों की काउंसलिंग की जानी चाहिए।
● याचिका में कहा गया कि कानून के मुताबिक 16 से 18 साल के बच्चों को दंड देने के बजाय उनकी मानसिक स्थिति को जानने के लिए बोर्ड का गठन करने का प्रावधान है। इसके विपरीत पॉक्सो एक्ट की कुछ धाराओं में उसे जेल भेज दिया जाता है।
● याचिकाकर्ता का कहना था कि इस पर विचार किया जाना आवश्यक है। नाबालिगों को सीधे जेल न भेजकर, उनकी काउंसिलिंग कराई जानी चाहिए।