UCC समिति ने सीएम धामी को सौंपा ड्राफ्ट, जानिए कब से लागू होगी समान नागरिक संहिता
देहरादून।उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी के लिए गठित रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी ने अपना काम पूरा कर लिया है। उत्तराखंड में अब जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रहा है। आज शुक्रवार (18 अक्तूबर) को विशेषज्ञ समिति ने यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सभी को समान न्याय और समान अवसर मिले इसके लिए यूसीसी लागू किया जा रहा है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर UCC लागू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। सरकार अब नियमावली का अध्यन्न करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा यूसीसी सबकी समानता के लिए है। किसी को इससे घबराने की जरुरत नहीं है। यूसीसी किसी विशेष धर्म को टारगेट करके नहीं बनाया गया है।
यूसीसी की मुख्य विशेषताएं
विधेयक को चार भागों में विभाजित किया गया है: भाग 1 – विवाह और तलाक, भाग 2 – उत्तराधिकार, भाग 3 – लिव-इन रिलेशनशिप, और भाग 4 – विविध। प्रत्येक भाग को आगे अध्यायों में विभाजित किया गया है। कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं।
धारा 4 विवाह की शर्तों को संबोधित करती है, जिनमें से एक यह है कि “विवाह के समय किसी भी पक्ष का कोई जीवनसाथी जीवित नहीं है,” और इसमें पुरुष के लिए विवाह की आयु 21 वर्ष और महिला के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है – जो बहुविवाह और बाल विवाह को प्रभावी रूप से समाप्त करती है। संहिता में 60 दिनों के भीतर विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण भी आवश्यक है।
धारा 25 के तहत, दोनों पक्षों को तलाक के आदेश के माध्यम से विवाह को विघटित करने के लिए अदालत में याचिका दायर करने का समान अधिकार दिया गया है, तथा तलाक केवल अदालती कार्यवाही के माध्यम से ही हो सकता है।
धारा 29 इस बात पर जोर देती है कि विवाह को केवल संहिता के प्रावधानों के तहत ही विघटित किया जा सकता है, “विवाह में किसी भी पक्ष के किसी भी प्रथा, रिवाज, परंपरा, [या] व्यक्तिगत कानून के बावजूद।”
इसके अतिरिक्त, संहिता “लिव-इन रिलेशनशिप” को मान्यता देती है, जिसे एक पुरुष और एक महिला के बीच “विवाह की प्रकृति” वाले रिश्ते के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक साझा घर में रहते हैं। कानून के अनुसार इन रिश्तों को एक महीने के भीतर पंजीकृत कराना भी आवश्यक है और संबंध पंजीकृत न कराने पर पक्षों के लिए आपराधिक दंड का प्रावधान है।
राष्ट्रपति से मिली UCC को मंजूरी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कर्मचारियों को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए मोबाइल एप भी बनाया गया है। सबको एक समान न्याय, समानता मिले और महिलाएं सशक्त बने यही हमारा प्रयास है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। हमने जो संकल्प लिया था वो पूरा किया है। बता दें सेवा निवृत न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्ष में कमेटी गठित हुई। 7 फरवरी 2024 को विधेयक विधानसभा से पास हुआ। जिसके बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति से यूसीसी को मंजूरी मिली। इसके बाद नियमावली और क्रियान्वयन के लिए पूर्व सीएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ।