यूं मनाया हैप्पी न्यू ईयर
- सारमंग एडवेंचर टूअर्स और दून अल्ट्रा रनर्स के दो सितारों अनुराग और अजय ने रचा इतिहास
- लगातार करीब 26 घंटे में देहरादून से चंडीगढ़ तक दौड़ लगाने वाले बने पहले धावक
देहरादून। सारमंग एडवेंचर टूअर्स और दून अल्ट्रा रनर्स के दो स्टार एथलीट अनुराग सैनी और अजय यादव ने देहरादून से चंडीगढ़ तक दौड़ कर नया साल मनाया। दोनों धावकों ने कड़ाके की ठंड में मात्र 26 घंटे में 160 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर तय की
सारमंग एडवेंचर टूअर्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में दोनों अल्ट्रा रनर्स की इस उपलब्धि पर सारमंग एडवेंचर टूअर्स के संस्थापक अनिल मोहन ने अनुराग सैनी और अजय यादव को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में देहरादून में फिटनेस एक्टिविटीज खासकर रनिंग काफी ट्रेंड में आ गया है। अब वो दिन दूर नहीं जब देहरादून से विश्वस्तरीय मैराथन रनर्स और अल्ट्रा रनर्स निकलेंगे।
नव वर्ष के पहले दिन 1 जनवरी को अनुराग सैनी और अजय यादव ने नए साल को अलग तरीके से मनाने के लिए देहरादून से पंचकुला (चंडीगढ़) तक 160 किलोमीटर की लगातार दौड़ते हुए दूरी तय की। उन्होंने अपना सफर 1 जनवरी शाम 5 बजे बल्लूपुर चौक से शुरू किया। शुरू में दोनों एथलीटों ने लगभग ढाई घंटे में सेलाकुई तक का सफर तय किया और फिर पानी आदि पिया और दौड़ जारी रखी। दोनों के साथ क्रू मेम्बर्स के तौर पर अजय यादव के बेटे विकास यादव और उनके दोस्त नमन शामिल थे। जिन्होंने पूरे रास्तेके दौरान दोनों का मनोबल बढ़ाते हुए उनका पूरा साथ दिया।
हालांकि दौड़ के दौरान रास्ते में घने और सुनसान जंगल से भी गुजरना पड़ा। जहां काफी अंधेरा था और जंगली जानवरों का भी डर था। दोनों ने रात 9.30 बजे जन हरबर्टपुर पहुंचकर एक ढाबे पर रात का भोजन किया और फिर आगे की दौड़ जारी रखी। देर रात दोनों लगभग 12 बजे पौंटा साहिब पहुंचे। जहां तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच चुका था। सुबह करीब 6 बजे तक नाहन से थोड़ा पहले रुक कर चाय नाश्ता किया। शाम के लगभग 7.30 बजे दोनों ने अपनी दौड़ का समापन पंचकूला में किया। जिसमें 26 घंटे से भी ज़्यादा का समय लगा।
अजय यादव एक बिज़नेसमेन हैं और रेफ्रिजरेशन मेंटेनेंस का काम करते हैं। वो इससे पहले चार बार लगातार 100 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं और रोज़ाना करीब 25-40 किमी दौड़ते रहे हैं। अनुराग सैनी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में कार्यरत हैं वह भी यह दूरी इतनी ही बार तय कर चुके थे और वह भी करीब 24-40 किमी रोज़ दौड़ते हैं और उनके नाम 200 हाफ मैराथन 236 दिन में तय करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
इन दोनों एथलीटों का कहना है कि स्वामी विवेकानंद जी के इस ध्येय वाक्य ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो’ को वे अपना आदर्श मानते हें। जिसकी बदौलत उन्होंने इस असंभव से दिखने वाले लक्ष्य को हासिल कर लिया।
उन्होंने बताया कि ऐसा करने के पीछे दोनों का समाज को एक संदेश देना है कि नववर्ष के लिये आप जो भी लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं, पहले दिन से ही पूरी ताकत से उसको हासिल करने के लिए जुट जाएं क्योंकि ऐसा कोई भी कार्य नहीं हैं जो एक बार आप सोच लें तो उसको कर ना पाए। इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का होना बहुत ज़रूरी हैं जो योग दौड़ या खेल से अर्जित की जा सकती है। इसलिए अपनी व्यस्त जीवनशैली से कुछ समय निकाल कर अपनी सेहत को ज़रूर दें। इससे आपका जीवन तो बेहतर होगा ही, इसके साथ ही आप औरों के लिये प्रेरणास्रोत भी बनेंगे।