- पेगासस सॉफ्टवेयर से दुनिया भर में नामचीन लोगों की जासूसी के मामले में फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसला
पेरिस। वाशिंगटन पोस्ट व द गार्जियन समेत 16 मीडिया संस्थानों की संयुक्त रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरी दुनिया में पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी का मुद्दा उछल रहा रहा है। जहां भारत सरकार इस मुद्दे को बेबुनियाद बताने पर तुली है और विपक्ष की मांग पर इसकी जांच कराने से बच रही है, वहीं इस मामले में फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। फ्रांस ने पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है।
गौरतलब है कि इस्राइली कंपनी के इस सॉफ्टवेयर से भारत में भी 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी होने का दावा किया गया है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई बड़े नेताओं, 40 पत्रकारों, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और अन्य लोगों के नंबर शामिल बताए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस्राइली कंपनी एनएसओ ने पेगासस को विकसित करने के बाद विभिन्न देशों की सरकारों को बेचना शुरू किया। वर्ष 2013 में सालाना 4 करोड़ डॉलर कमाने वाली इस कंपनी की कमाई 2015 तक करीब चार गुना बढ़कर 15.5 करोड़ डॉलर हो गई। सॉफ्टवेयर काफी महंगा माना जाता है, इसलिए सामान्य संगठन और संस्थान इसे खरीद नहीं पाते।
वर्ष 2016 में पहली बार अरब देशों में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के आईफोन में इसके इस्तेमाल का मामला उजागर हुआ। इससे बचाव के लिए एपल कंपनी ने तत्काल आईओएस अपडेट कर सुरक्षा खामियां दूर कीं। एक साल बाद एंड्रॉयड में भी पेगासस से जासूसी के मामले सामने आने लगे। वर्ष 2019 में फेसबुक के सुरक्षा विशेषज्ञों ने पेगासस को एक बड़ा खतरा बताते हुए केस दायर किया।
इसी दौरान व्हाट्सएप ने भारत में कई कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के फोन में इसके उपयोग का खुलासा किया। गौरतलब है कि पेगासस सॉफ्टवेयर यूजर के मैसेज पढ़ता है, फोन कॉल ट्रैक करता है, विभिन्न एप और उनमें उपयोग हुई जानकारी चुराता है। लोकेशन डाटा, वीडियो कैमरे का इस्तेमाल व फोन के साथ इस्तेमाल माइक्रोफोन से आवाज रिकॉर्ड करता है। एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी कैस्परस्की के अनुसार पेगासस एसएमएस, ब्राउजिंग हिस्ट्री, कांटेक्ट और ई-मेल तो देखता ही है फोन से स्क्रीनशॉट भी लेता है। इन जानकारियों को यह लीक कर जासूसी करता है।
दिलचस्प बात यह है कि अगर यह गलत फोन में इंस्टॉल हो जाए तो खुद को नष्ट करने की क्षमता भी रखता है। इसे स्मार्ट स्पाईवेयर भी कहा गया है, क्योंकि यह हालात के अनुसार जासूसी के लिए नए तरीके अपनाता है। पेगासस सॉफ्टवेयर से दुनियाभर में नामचीन लोगों की जासूसी के मामले में फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसला लिया। फ्रांस ने पेगासस सॉफ्टवेयर से कथित जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है।