- कहा कि डॉ. जीतराम के पास भ्रष्टाचार के ठोस सबूत हैं तो उन्हें सार्वजनिक करें अथवा आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को बंद करें
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
थराली विधानसभा की विधायक मुन्नी देवी शाह ने पूर्व विधायक डॉ. जीतराम के द्वारा लगाए गए कथित भ्रष्टाचार के आरोप पर आज बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व विधायक के पास इस संबंध में कोई भी ठोस सबूत हैं तो सार्वजनिक करें अथवा आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को बंद करें।
दरअसल पिछले दिनों डॉ. जीतराम ने मुन्नी पर विधायक निधि में 10 प्रतिशत धनराशि ले कर उसे बांटने, अधिकारियों की बैठक विधानसभा क्षेत्र से बाहरी क्षेत्र में करने, विकास कार्यों में शिथिलता बरतने सहित कई आरोप लगाये। जिस पर यहां पर मुन्नी ने एक प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक के आरोपों का जवाब देते हुए उन पर पलटवार किया और कहा कि सस्ती राजनीति एवं अपनी गिरती लोकप्रियता के कारण वे व्यक्तिगत रूप से आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति पर उतर आए हैं। जिसका आगामी चुनावों में जनता एक बार फिर से उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी। कहा कि अगर जीतराम के पास विधायक निधि में धनराशि के लेन-देन का कोई भी सबूत हैं, तो वह अब तक उसे सार्वजनिक क्यूं नही कर रहे हैं। शाह ने कहा कि जहां तक कर्णप्रयाग में अधिकारियों की बैठकें लेने का सवाल है तो अधिकारियों की सुविधा का भी ख्याल रखना उनका फर्ज है। इसलिए कर्णप्रयाग में बैठक ली जाती रही हैं। अगर जीतराम के पास बैठक में सेटिंग गेटिंग के सबूत हैं तो उन्हें भी सार्वजनिक करने से उन्हें किसने रोका है।
शाह ने कहा कि जीतराम के कार्यकाल के भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार में कार्रवाई हुई है। रेन पलवरा मोटरमार्ग पर डामरीकरण के नाम पर हुए 28 लाख के गबन पर लोनिवि के अधिकारियों पर मेरे कार्यकाल में कार्रवाई हुई है। शिक्षक होने के बावजूद डॉ. जीतराम तलवाड़ी महाविद्यालय में शिक्षक नही भेज सके, जबकि हमने नारायणबगड़ में महाविद्यालय खुलवाया, तलवाड़ी में शिक्षक भेजे।
उन्होंने डॉ. जीतराम को शिक्षाविद के बजाय शिक्षागिद्ध बताया। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिस तेजी के साथ उनके कार्यकाल में थराली विधानसभा क्षेत्र का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में विकास हो रहा हैं। उससे कांग्रेस व उसके नेता बुरी तरह घबरा कर उल्टे सीधे आरोप लगा कर सस्ती राजनीति करने में जुटे हुए हैं। जो स्वच्छ राजनीति के लिए ठीक नहीं है।