नई दिल्ली। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले 12 दिन से जंग जारी है। इसमें अब तक 400 लोगों की जान जा चुकी है। सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के चलते हजारों भारतीय भी वहां फंसे हैं। भारत सरकार इन्हें निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ चला रही है। इसके तहत 670 भारतीय नागरिकों को सूडान से निकाल लिया गया है।
ऐसे लग रहा था कि हम मृत्युशय्या पर थे…
ये कहना था हरियाणा के सुखविंदर के जो सूडान में फंसे थे और उन 360 भारतीयों में से एक हैं जो ऑपरेशन कावेरी के तहत पहले बैच में भारत पहुंचे हैं। सुखविंदर पेशे से इंजीनियर हैं और सूडान से निकल कर सऊदी अरब के रास्ते नई दिल्ली पहुंचे हैं। बता दें कि सुखविंदर हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले हैं। सुखविंदर सूडान की परिस्थितियों को याद करके अभी भी डर जाते हैं। उन्होंने बताया कि हम एक बंद कमरे में रह रहे थे, यह ऐसा था कि हम मृत्युशय्या पर हों।
सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इसके लिए वायुसेना और नौसेना की मदद ली जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के दो ट्रांसपोर्ट विमान C-130J सऊदी अरब के जेद्दाह में स्टैंडबाय पर हैं। इसी तरह नौसेना का जहाज आईएनएस सुमेधा तो पोर्ट सूडान भी पहुंच गया है। इसी जहाज के जरिए पहले भारतीयों को जेद्दाह लाया जा रहा है, जहां से लोग C-130J के जरिए नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच रहे हैं। वहीं, सूडान के अलग अलग हिस्सों से पोर्ट सूडान तक पहुंचने के लिए बसों का सहारा लिया जा रहा है।
वहीं मिली जानकारी के अनुसार, सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के समय करीब 4000 भारतीय फंसे हुए थे जिसमें से अब तक लगभग 1100 को सुरक्षित भारत पहुंचाया जा चुका है। जबकि 3 बैट में करीब 670 नागरिक भारत पहुंच चुके हैं।