नई दिल्ली। एमपॉक्स वायरस की वजह से दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा हुआ है। इस वायरस के फैले प्रकोप के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) की तरफ से सुखद खबर सामने आई है जिसने एमपॉक्स वायरस के उपचार के लिए वैक्सीनेशन के टीके को पहली मंजूरी दे दी है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह अफ्रीका और अन्य स्थानों पर इस बीमारी से लड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जानकारी के अनुसार नई वैक्सीन से सबसे पहले अफ्रीका और आसपास के देशों में वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाएगा।
वैक्सीन 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी
WHO ने इसकी मंजूरी देते हुए साफ कहा है कि ये वैक्सीन 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है। बता दें अब इस वैक्सीन से एमपॉक्स बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी। बता दें ये दवा बवेरियन नार्डिक कंपनी की है, फिलहाल इसकी सप्लाई कम है, लेकिन इसे यूनिसेफ और अन्य इंटरनेशनल संगठन खरीद सकेंगे। जिससे दुनियाभर में एमपॉक्स जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम करने में मदद मिलेगी।
Mpox होने के लक्षण और बचाव
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अघानम घेब्रेयेसस ने कहा कि एमपॉक्स रोधी वैक्सीन की पहली प्री क्वालिफिकेशन इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है। बता दें 9 सितंबर को इंडिया में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज मिला था। विभिन्न राज्य सरकारें अपने यहां इस बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चला रही हैं। जानकारी के अनुसार Mpox होने पर सिरदर्द, बुखार, पीठ में दर्द और शरीर पर लाल चकते होने की शिकायत होती है। डॉक्टरों की सलाह है कि पांच दिन से अधिक बुखार रहने पर मास्क लगाकर रखें और तुरंत ब्लड टेस्ट करवाएं।