उत्तराखंड: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के इतने पदों पर जल्द होगी भर्ती
देहरादून।उत्तराखंड में 6559 आंगनबाड़ी कर्मचारियों की भर्ती शुरू होने जा रही है। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 374 और सहायिका के 6185 पद हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को इन पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग सभी जनपदों में आंगनबाड़ी केंद्रो का उच्चीकरण किया गया था, जिसके बाद वहां तैनात सहायिकाएं आंगनबाड़ी बन गई थी। इससे सहायिकाओं के काफी पद रिक्त हो गए थे। रेखा आर्या ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में कुल 6185 सहायिकाओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के 374 पद रिक्त हैं । हाल ही में हुई कैबिनेट में आंगनबाड़ी भर्ती नियमावली में संशोधन करके उसका शासनादेश जारी किया गया था, जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हुआ। मंत्री ने बताया कि विभाग को अगले एक-दो दिन के अंदर विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे और आवेदन करने के लिए महिला अभ्यर्थियों को करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा। विभाग के अधिकारियों को यह भर्ती प्रक्रिया तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर नंदा गौरा योजना व अन्य योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केद्रों के नए मानकों के मुताबिक वहां पाइप वाटर, ड्रिंकिंग वॉटर, बिजली और शौचालय की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में वर्चुअल जुड़े सभी 13 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को 5 दिन के भीतर सभी आंगनबाड़ी केद्रों में इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने संबंधित प्रस्ताव निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि तुरंत बजट जारी कर दिया जाएगा।
मंत्री रेखा आर्या ने नंदा गौरा योजना में अब तक आए आवेदनों की समीक्षा की और सभी जनपदों को 31 दिसंबर तक ज्यादा से ज्यादा आवेदन मंगाने और लाभार्थियों की संख्या बीते साल के मुकाबले बढ़ाने के निर्देश भी दिए। जिन आवेदनों को किसी कमी के चलते वापस किया गया है उन सभी आवेदकों को से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके समय रहते आवेदन दोबारा मंगाने के निर्देश भी मंत्री ने जारी किए हैं। बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित 3940 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की भी समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी, अगर किसी जगह पर आंगनवाड़ी केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो रही है तो उसे किसी ऐसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए जहां केंद्र की जरूरत हो और जमीन उपलब्ध हो।