बांग्लादेश में तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, चिन्मय दास समेत 17 के बैंक खाते फ्रीज, भारत ने दी ये प्रतिक्रिया

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नई दिल्ली।बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद देशभर में प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिल रही है। कई जगहों पर अल्पसंख्यकों खासतौर से हिंदुओं पर हमले की खबर आ रही है। अब चट्टोग्राम में भीड़ ने 3 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है। 29 नवंबर की दोपहर भीड़ ने चट्टोग्राम के हरीश चंद्र मुंसेफ लेन में शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, पास स्थित शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया।

पुलिस ने की मंदिरों पर हमले की पुष्टि

बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मंदिर अधिकारियों ने बताया कि नारेबाजी कर रहे करीब 100 लोगों के समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे 3 मंदिर के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए।
कोतवाली थाना प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।पुलिस का कहना है कि मंदिरों को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है और उन्होंने फौरन स्थिति को काबू में कर लिया।

बांग्लादेश ने चिन्मय कृष्ण दास समेत 17 के बैंक खाते फ्रीज

बांग्लादेश ने इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास समेत संगठन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खाते 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है।
समाचार पत्र प्रोथोम एलो के अनुसार, बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही BFUI ने बैंकों से इन 17 व्यक्तियों से जुड़े सभी खातों में लेनदेन की जानकारी भी मांगी है।

कोलकाता का ये अस्पताल नहीं करेगा बांग्लादेशी मरीजों का इलाज

कोलकाता के एक अस्पताल ने बांग्लादेश में भीड़ द्वारा भारतीय ध्वज जलाने की कथित घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वो इसके विरोध में बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करेगा। उत्तर कोलकाता के मनिकतला में स्थित जेएनरे अस्पताल ने कहा कि वह अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करेगा। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, “बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारतीय ध्वज का अपमान किए जाने के कारण यह निर्णय लिया गया।”

हिंसा पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर धमकियों और लक्षित हमलों के मुद्दे को लगातार और मजबूती से उठाया है। मामले पर हमारी स्थिति स्पष्ट है कि अंतरिम सरकार सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाए। हम बांग्लादेश में चरमपंथी बयानबाजी के बढ़ने, हिंसा की घटनाओं के बढ़ने और उकसावे से चिंतित हैं। हम बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हैं।”

कैसे शुरू हुई हिंसा

25 नवंबर को ‘सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर चटगांव में भगवा झंडा फहराने और देश के झंडे के अपमान का आरोप था। इस बीच दास की रिहाई के लिए प्रदर्शन होने लगे। बाद में दास को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। इसी समय एक सरकारी वकील की भी हत्या कर दी गई, जिसका आरोप दास के समर्थकों पर लग रहा है।

Enews24x7 Team

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