शारदीय नवरात्रि 2024।शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है। नवरात्रि का त्योहार पूरे 9 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। अश्विन महीने में ही शरद ऋतु की शुरुआत होती है, इसलिए भी इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस बार नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ होगा।
शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 2024
शारदीय नवरात्रि का पहला दिन अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को होता है। पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 2 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से 4 अक्टूबर को तड़के 2 बजकर 58 मिनट तक है। उदयातिथि के आधार अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को है। ऐसे में नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर गुरुवार को है। इस दिन कलश स्थापना होगी।
कलश स्थापना मुहूर्त
नवरात्र को आद्याशक्ति की आराधना का सर्वश्रेष्ठ काल माना गया है। नवरात्र वृद्धि आश्विन शुक्ला प्रतिपदा को अशुभ नक्षत्र चित्रा और वैधृति योग का अभाव एवं शुक्ला तृतीया तिथि की वृद्धि होने से नवरात्र विशेष शुभ एवं राष्ट्र के शत्रुओं का पराभवकारी सिद्ध होगा। घटस्थापन मंदिरों और शक्तिपीठों में सुबह 4:09 से 5:07 तक विशेष शुभ रहेगा। भगवती की पूजा के लिए बनाए गए विशेष पंडालों और घरों में सुबह 9:40 से 11:50 तक वृश्चिक लग्न में सामान्य शुभ रहेगा। देवगुरु बृहस्पति की संपूर्ण शुभदृष्टि होने के कारण लग्न बलवती समझी जाएगी।
इन बातों का रखें ध्यान
कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा घर में विराजमान हो जाती हैं और कलश को भी मां दुर्गा का ही स्वरूप माना जाता है। ऐसे में कलश में कभी भी गंदी मिट्टी और गंदे पानी का प्रयोग ना करें। अगर घर में कलश की स्थापना एक बार कर दी जाए तो उसे 9 दिनों तक नहीं हिलाना चाहिए और कलश की स्थापना के बाद उस स्थान की साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सुबह नवमी, शाम को दशहरा
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:07 बजे होकर 12 अक्टूबर सुबह 10:59 बजे तक रहेगी। 12 अक्टूबर को सुबह नवमी का पूजन होगा और शारदीय नवरात्रि का समापन इसी दिन होगा। शाम को विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा। शनिवार होने से और अगले दिन रविवार को उदियात तिथि में दशमी तिथि होने की वजह से नवरात्रि का उत्थापन रविवार को होगा।
शारदीय नवरात्र की तिथियां
3 अक्टूबर- मां शैलपुत्री प्रतिपदा, 4 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी द्वितीया, 5-6 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा तृतीया, 7 अक्टूबर- मां कुष्मांडा चतुर्थी, 8 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पंचमी, 9 अक्टूबर- मां कात्यायनी षष्ठी, 10 अक्टूबर- मां कालरात्रि सप्तमी, 11 अक्टूबर- मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी तथा 12 अक्टूबर- नवमी को मां सिद्धिदात्री तथा दशहरा होगा।