श्रीनगर।विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद तत्काल बाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार शाम आतंकियों ने सेना के 2 जवानों को अगवा कर लिया। हालांकि, इनमें से एक जवान अपहरण के बाद भागने में सफल रहा। सेना की ओर से कहा गया है कि इलाके में सुरक्षा बल तलाशी अभियान चला रहे हैं। जो जवान भागने में कामयाब रहा, उसे सुरक्षा में रखा गया है और पूछताछ की जा रही है।
मतगणना के बीच अपहरण
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में बीते मंगलवार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना हो रही थी। इस बीच नेकां-कांग्रेस और माकपा गठबंधन को 49 सीटें हासिल हुई। जबकि बीजेपी को 29 सीटें मिलीं। चुनाव के नतीजों के बीच सेना का सर्च अभियान भी जारी था। उसी दौरान टेरिटॉरियल आर्मी के दो जवान घने जंगलों में गश्त कर रहे थे। तभी उनका आतंकियों ने अपहरण कर लिया।
इससे पहले साल 2020 में आतंकियों ने ऐसी ही कायराना हरकत को अंजाम दिया था। तब कश्मीर में टेरिटोरियल आर्मी के जवान शाकिर मंजूर वागे को अगवा कर लिया था। इस घटना के पांच दिन बाद परिवार को घर के पास शाकिर के कपड़े मिले थे। ये घटना 2 अगस्त की थी तब 24 साल के शाकिर वागे दक्षिण कश्मीर के शोपियां के हरमैन में अपने घर के पास से लापता हो गए थे। शाकिर बकरीद पर अपने घर गए थे तब आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था।
1 साल बाद मिला था जवान का शव
अपहरण करने के साथ ही आतंकियों ने जवान की गाड़ी को भी फूंक दिया था। शाकिर 162-टीए में दक्षिणी कश्मीर के बालापुर में तैनात थे। काफी तलाश के बाद भी उनका पता नहीं लग पाया था। एक साल बाद सितंबर में शाकिर का शव कश्मीर के कुलगाम में मिला था। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शाकिर के परिवार से संपर्क किया। इस दौरान उनके पिता मंजूर अहमद वागे ने कहा था कि शव की पहचान करने पर पता चला है कि यह उनका बेटा शाकिर ही है। जो एक साल पहले लापता हो गया था।