बनभूलपुरा हिंसा: अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी खारिज, पूर्व में 50 उपद्रवियों की हो चुकी है मंजूर

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नैनीताल। हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में 8 फरवरी 2024 को हुए भीषण उपद्रव के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। इस पर जो निर्णय शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया गया था, वो आज सोमवार 2 सितंबर को दिया गया। अब नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने कहा था कि अभी जमानत दिए जाने या नहीं दिए जाने का प्रश्न नहीं है। प्रश्न यह है कि जिस केस में यूएपीए लग जाता है उसकी जमानत उच्च न्यायलय की खंडपीठ सुनेगी या एकलपीठ इस पर कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने निर्णय देते हुए कहा कि इस प्रकरण पर सुनवाई खंडपीठ करेगी इस आधार पर कोर्ट ने जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर करने की छूट दी है। पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि इस केस में यूएपीए लगा है इसलिए मामले को खंडपीठ सुनेगी। इससे संबंधित केसों में खंडपीठ सुनवाई कर रही है और कई मामले को सुन चुकी है। जबकि आरोपी की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच रेगुलर पुलिस कर रही है, इसलिए मामले को एकलपीठ सुन सकती है।

इससे संबंधित उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय को पेश किए गए थे और कहा कि खंडपीठ उन मामलों को सुन सकती है जिसमें एनआईए ने जांच की हो और स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया हो। यहां सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है और रेगुलर पुलिस ने मामले की जांच की है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपी के खिलाफ यूएपीए जैसे गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हैं और यह दंगे का मुख्य आरोपियों में से एक है। इसलिए सिंगल बेंच सुनवाई नहीं कर सकती है।

बता दें इससे पहले 50 उपद्रवियों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। जिनमें 6 महिलाएं भी शामिल थी। 50 लोगों की जमानत के बाद अन्य लोगों की जमानत के लिए भी रास्ता खुल गया था। बताते चलें कि आठ फरवरी 2024 को सरकारी जमीनों पर बने अवैध अतिक्रमण को हटाने के आदेश पर हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के मलिक के बगीचे में बने अवैध मस्जिद और मदरसे को तोड़ने कार्रवाई हो रही थी।

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