पर्यटन मंत्री ने दिए निर्देश, चारधाम समेत उत्तराखंड के तमाम मंदिरों के प्रसाद की होगी सैंपलिंग
देहरादून।बीते दिनों आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के ‘लड्डू प्रसादम’ में इस्तेमाल किए जाने वाले घी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम का इतिहास बेहद पुराना है। इसके बावजूद पशु की चर्बी और फिश ऑयल के इस्तेमाल की खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। इस बीच उत्तराखंड के तमाम धामों और प्रसिद्ध मंदिरों को लेकर राज्य सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
मंदिरों में प्रसाद की होगी टेस्टिंग:- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम के अलावा बाकी प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद की लैब में टेस्टिंग की जाएगी। इसका सीधा मकसद भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद में किसी भी तरह की मिलावट न हो इस आश्वस्त करना होगा। खास बात यह है कि इस दौरान मंदिर की रसोई और मंदिर परिसर में बनने वाले प्रसाद के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री को भी देखा जाएगा। किसी भी खाद्य पदार्थ में कोई भी मिलावट की गुंजाइश न रहे, इसके लिए समय-समय पर टेस्टिंग होगी।
विवाद के बाद हरकत में आई सरकार:- श्रद्धालु और भक्तों की आस्था पर इसी तरह की कोई आशंका की संभावना ही ना बचे। तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट से हिंदू धर्म के लोगों में खासा रोष है। लोगों को जैसे ही इस बात की भनक लगी हर कोई इस पर यकीन नहीं कर पा रहा है। तिरुपति बालाजी मंदिर में इस मिलावट की खबर के बाद उत्तराखंड सरकार भी हरकत में आई है और तमाम मंदिरों में ऐसी संभावनाओं को देखते हुए एक्शन लिया जा रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रसाद की सैंपल टेस्टिंग होगी और इसमें इस्तेमाल सामग्री की भी टेस्टिंग की जाएगी।
प्रसाद में मिलावट को बताया दुर्भाग्यपूर्ण:-इसके अलावा प्रसाद बनाने के दौरान मॉनिटरिंग व्यवस्था भी तय की जाएगी। सतपाल महाराज ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के प्रकरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस मामले में प्रसाद को लेकर अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार है।