केदारनाथ विवाद: दिल्ली के बाद अब तेलंगाना में भी केदारनाथ मंदिर, गोदियाल ने सरकार से किए सवाल
देहरादून।दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर विवाद थमा ही नहीं कि अब तेलंगाना में केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन होने से नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने एक बार फिर धामी सरकार से जवाब मांगा है। आरोप है कि 17 जुलाई को तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन समारोह मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में आयोजित किया गया।
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने धामी सरकार से पूछा कि सीएम बताएं कि दूसरे राज्यों में किये जा रहे, इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए उत्तराखंड का कानून किस प्रकार कारगर साबित होगा।
बता दें कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने के विरोध को देखते हुए धामी सरकार ने बीते रोज कैबिनेट की बैठक में कानून बनाने का फैसला लिया है। जिसके तहत अब देश में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के नाम से दूसरे मंदिर या ट्रस्ट नहीं बनेंगे, साथ ही इसको रेगुलेट करने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
कांग्रेस नेता गोदियाल ने कहा कि बीती 10 जुलाई को मुख्यमंत्री ने दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का शिलान्यास किया था, लेकिन उसके बाद से अन्य राज्यों में भी इस तरह के मंदिरों को स्थापित करने की बाढ़ सी आ गई। उन्होंने कहा कि तेलांगना में देवभूमि उत्तराखंड सेवा संस्थान नाम की संस्था ने केदारनाथ धाम मंदिर को लेकर भूमि पूजन किया। ऐसे में अब यह चलन विभिन्न राज्यों में चल पड़ा है।
गणेश गोदियाल ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि उत्तराखंड में बनाया गया कानून प्रदेश की सीमाओं के अंतर्गत ही लागू किया जा सकता है, इसलिए अन्य राज्यों में केदारनाथ नाम से बनाये जा रहे मंदिरों के प्रयासों को रोकने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार को अंब्रेला कानून (एक कानून) लेकर आना चाहिए और यह कानून पूरे देश में लागू हो, ताकि उत्तराखंड के हितों का संरक्षण हो सके।