कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों की परवरिश का बीड़ा उठाया

  • शंकराचार्य परिषद 12 बच्चों को गोद लेकर पढ़ाई खर्च करेगी वहन
  • अगले महीने तक हो जाएगी कागजी कार्रवाई पूरी

हरिद्वार। उत्तराखंड में कोरोना वायरस ने कहर बरपा दिया है। कोरोराना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से कई परिवार बिखर गए हैं। बच्चों से मां का आंचल छिन गया है। पिता का साया सिर हमेशा के लिए रूठ गया है। संकट की इस मनहूस घड़ी में बेसहारा बच्चों की परवरिश के लिए शंकराचार्य परिषद ने बीड़ा उठाया है। परिषद बच्चों के रहने और खाने की व्यवस्था से लेकर उनकी पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी। कोविड से माता या पिता का साया छिनने से बेसहारा हुए 12 बच्चों को गोद लेने की कागजी औपचारिकताएं शुरू कर दी गई हैं। अगले माह तक कागजी कार्रवाई पूरी हो जाएगी। संस्था कोविड के होम आइसोलेट मरीजों को निशुल्क खाना भी पहुंचा रही है। देश के अलग-अलग जिलों से 12 बेसहारा बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बेसहारा बच्चों को परिषद से जोड़ने के लिए चार टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं। कोई भी व्यक्ति नंबरों पर फोन कर बेसहारा बच्चों की जानकारी दे सकते हैं।

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