नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने आज श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, तिरुमला में परोसे जाने वाले प्रसाद के मामले में सुनवाई की। वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने सुबरामण्यम स्वामी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि वह एक श्रद्धालु के रूप में यहां हैं।
उन्होंने कहा कि प्रसाद में अपवित्र चीजों की मिलावट के आरोपों का व्यापक असर हो सकता है। इससे साम्प्रदायिक सौहार्द में खलल आ सकता है। अगर देवता के प्रसाद पर सवाल उठाया जा रहा है, तो इसकी जांच की जानी चाहिए।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि लैब रिपोर्ट के अनुसार, जो घी परीक्षण के लिए भेजा गया था, वह अस्वीकृत घी था। कोर्ट ने राज्य से पूछा कि जब SIT जांच का आदेश दिया गया था, तब मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी? सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कम से कम देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तिरुपति मंदिर में जो लड्डुओं का प्रसाद तैयार किया गया था, उसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला था। ये सब कुछ उस घी में मिला था, जिससे लड्डू तैयार किया गए थे।