अल्मोड़ा बस हादसे में तीन साल की शिवानी के सर से उठा माँ-बाप का साया, रोती-बिलखती रही मासूम
पौड़ी गढ़वाल/अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 36 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें 27 लोग घायल हुए हैं। इस हादसे में एक तीन साल की मासूम ने अपने मां-बाप को खोया है। मासूम के बिलखने की आवाज सुनकर सभी भावुक हो गए। लेकिन गनीमत से उसकी जान बच गई। उस वक्त लोगों की आंखें छलक गई, जब खून से लथपथ शिवानी अपने माता-पिता को खोजती रही और मम्मी-पापा चिल्लाती रही, लेकिन उसे क्या पता उसके माता-पिता अब इस दुनिया में ही नहीं रहे।
जानकारी के मुताबिक, पौड़ी गढ़वाल के दिगोलीखाल की बिरखेत रहने वाली शिवानी रावत (उम्र 3 वर्ष) अपने पिता मनोज रावत और माता चारू देवी के साथ दीपावली का त्योहार मनाने गांव आई हुई थी। जो दिवाली मनाकर आज बस में सवार होकर रामनगर जा रही थी। तभी रास्ते में बस हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में शिवानी के पिता और माता की मौत हो गई। जबकि, मासूम शिवानी रावत गंभीर रूप से घायल हो गई।
बच्ची की देखरेख के लिए उसके नाना हरिकृष्ण नेगी, नानी सुशीला देवी अस्पताल पहुंच गए हैं। दोनों अपने बेटी-दामाद को खोने का गम छुपाए अपनी नवासी की तीमारदारी में लगे हैं। नानी बार-बार आंचल से अपने आंसू पोछती दिखी। शाम करीब साढ़े तीन बजे बच्ची को रामनगर अस्पताल से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है। शिवानी के पिता मनोज रावत रामनगर में उद्यान विभाग के अंतर्गत फल संरक्षण में ट्रेनिंग सुपरवाइजर पद पर कार्यरत थे और मां चारू रावत गृहिणी थीं। दंपती रामनगर में ईदगाह रोड पर आस्थान के फ्लैट में अपनी बेटी शिवानी के साथ किराये पर रहते थे। बच्ची अस्पताल में बार-बार अपनी मां को पूछ रही थी। अस्पताल कर्मी किसी तरह उसे दिलासा दे रहे थे।
बच्ची के नाना ने बताया कि सभी लोग गांव में दिवाली मनाने आए थे। त्योहार के बाद सभी रामनगर जा रहे थे। मेरे दामाद के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, गांव में उनकी मां मालती देवी हैं। त्योहार के बाद बेटी और दामाद कभी घर नहीं लौटेंगे, ऐसा सोचा नहीं था। अब शिवानी की जिम्मेदारी भी अब उनके कंधों पर है।