माँ के पेट में बच्चा, बच्चे के पेट में बच्चा! अनोखा केस देख डॉक्टर भी रह गए हैरान

0
90

भोपाल।मध्य प्रदेश के सागर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक महिला ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टरी जांच में पता चला कि उस बच्चे के अंदर भी एक नवजात पल रहा है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॅाजी विभाग के अध्यक्ष डॅा. पीपी सिंह का कहना है की मेडिकल के इतिहास में इस तरह के केस काफी दुर्लभ होता है। इस तरह की कंडीशन को मेडिकल भाषा में फीटस इन फीटू कहा जाता है। डॉक्टर के मुताबिक लाखों महिलाओं में से किसी एक साथ ऐसा होता है। फिलहाल डॉक्टर्स नवजात को बचाने में जुटे हैं।

पांच लाख मामलों में इस तरह का 1 केस सामने आता है

डॉ. पीपी सिंह के अनुसार उन्होंने अपने जीवन में यह पहला केस देखा है। गर्भवती महिला ने नार्मल डिलीवरी के जरिए बेटी को जन्म दिया है। चिकित्सा इतिहास में इस तरह के केस काफी दुर्लभ हैं। 5 लाख मामलों में इस तरह का 1 केस सामने आता है। हालांकि अब तक दुनिया में इस तरह के 200 केस ही रिपोर्ट हुए हैं, जो लिटरेचर में ऑनलाइन अवेलेबल हैं। यह प्रेग्नेंट लेडी हमारे पास आठवें नौवें महीने में आई थी।

बच्चे के अल्ट्रासाउंड करने के बाद हमने पाया कि बच्चे के अंदर पेट में गांठ दिख रही थी। जिसमें कैल्शियम जमा हुआ लग रहा था लेकिन जब हमने उसमें डॉपलर करके देखा तो खून आने लगा था। जब ऐसा होता है तो संभावनाओं में सबसे पहले फिटस और फीटू करके कंडीशन होती है। उसमें की बच्चे के अंदर बच्चा पल रहा होता है।

यहाँ भी पढ़े: सावधान! देहरादून में बच्चों में फैल रहा है यह संक्रामक रोग, जानिए इसके लक्षण और बचने के तरीके

दुनियाभर में अब तक केवल 200 ही ऐसे मामले

डॉक्टर पीपी सिंह का कहना है कि इस तरह के दुर्लभ केस पांच लाख महिला में से किसी एक के साथ होते हैं। देखा जाए तो पूरी दुनिया में अब तक इस तरह के 200 केस ही सामने आए हैं, जो लिटरेचर में ऑनलाइन मौजूद हैं। उन्होंने खुद अपने जीवन में पहली बार ऐसा केस देखा है। डॉ. पीपी सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला केसली की रहने वाली है, वह फिलहाल पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन बच्ची को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं यह मामला जब कोई सुनता है तो हर कोई हैरान रह जाता है। वह इस सोच में पड़ जाता है कि ऐसा भी होता है क्या। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कभी कभार इस तरह का मामला सामने आता है।

Comments are closed.