‘देश संविधान से चलेगा न कि राजा के डंडा से’, जानिए संसद से क्यों उठ रही सेंगोल को हटाने की मांग

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नई दिल्‍ली। 18वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। लोकसभा के विशेष सत्र में तमाम मुद्दों के साथ सेंगोल एक बार फिर चर्चा में है। 77 साल पुराने सेंगोल का मुद्दा एक बार फिर संसद भवन में उठ गया है। समाजवादी पार्टी के नेता सेंगोल को संसद भवन से हटाए जाने की मांग उठा रहे हैं।

दरअसल, बीते दिन गुरुवार को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने पहुंची तो हाउस में प्रवेश करते समय और बाहर निकलते वक्त सबसे आगे सेंगोल था। जैसे ही राष्ट्रपति का अभिभाषण खत्म हुआ तो समाजवादी पार्टी के सांसदों ने संसद में सेंगोल को हटाकर संविधान की कॉपी रखने की मांग उठा दी।

म्यूजियम में रखना चाहिए सेंगोल…

सपा पार्टी के सांसदों ने कहा कि देश में संविधान सर्वोपरि है, तो फिर लोकसभा में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल को रखने की क्या जरुरत है? इस संबंध में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को भी सपा सांसद आरके चौधरी ने पत्र लिखा और कहा कि सेंगोल को लोकतंत्रके मंदिर में रखने की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इसे म्यूजियम में रखना चाहिए।

देश संविधान से चलेगा न कि राजा के डंडा से…

सपा नेता ने कहा कि अब इस देश में 555 राजाओं को सरेंडर करके ये देश आजाद हुआ है। देश का हर वो व्यक्ति, चाहे वो महिला हो या पुरुष हो। अगर वह बालिग है और वोट का अधिकार रखता है तो उसके एक-एक वोट ले इस देश में शासन-प्रशासन चलेगा। ये तय हो गया है। इसके साथ ही सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा कि देश संविधान से चलेगा न कि राजा के डंडा से चलेगा। इसलिए समाजवादी पार्टी की मांग है कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संसद भवन से सिंगोल को हटाना होगा।

आजादी की एक रात पहले नेहरू को मिला था सेंगोल…

बता दें कि सेंगोल का इतिहास भारत की आजादी से जुड़ा हुआ है। आज से करीब 77 साल पहले 14 अगस्त 1947 की रात पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य से आए विद्वानों से इस सेंगोल को स्वीकार किया था। नेहरू ने इसे अंग्रेजों से भारत को सत्ता प्राप्त करने के प्रतीक के रूप में पूरे विधि-विधान के साथ स्वीकार किया था। नेहरू ने उस रात कई नेताओं की मौजूदगी में इस सेंगोल को स्वीकार कर के सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा किया था।

28 मई 2023 को हुआ सेंगोल संसद में स्थापित…

बता दें कि पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई 2023 को संसद के नए भवन में सेंगोल को स्थापित किया था। हालांकि उस दौरान भी विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया था।

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