केदारनाथ सीट का इतिहास, जानिए कांग्रेस या भाजपा किसका रहा दबदबा…
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ उपचुनावों की तारीखों की घोषणा होते ही केदारनाथ घाटी की सर्द फिजाओं में राजनीति गरमा गई है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बाबा केदार का धाम है। 11 वें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ के नाम पर केदारनाथ विधानसभा सीट है। चुनाव आयोग के मुताबिक केदारनाथ विधानसभा में कुल 90 हजार 540 मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 44 हजार 765 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 45 हजार 565 महिला मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगी।
बात करें मतदाताओं के प्रतिशत की तो केदारनाथ विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 18,150 हैं। जो कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक लगभग 20.32% है। अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 152 हैं। साल 2011 की जगनणना के मुताबिक इनका प्रतिशत लगभग 0.17% है। वहीं ग्रामीण मतदाता 88,858 हैं जिनका प्रतिशत 99.48% है और शहरी मतदाता लगभग 464 हैं जिनका प्रतिशत 0.52% है।
वर्ष 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद हुए पहले चुनाव 2002 में यह सीट 37 केदारनाथ नाम से जानी गई। 2002 के चुनाव में भाजपा की आशा नौटियाल ने कांग्रेस की शैलारानी रावत को हराया और इस सीट पर पहली बार महिला विधायक चुनी गई। वर्ष 2007 में भी आशा नौटियाल ने चुनाव जीता इस बार उन्होंने कांग्रेस के कुंवर सिंह नेगी को हराया। 2012 में कांग्रेस की शैलारानी रावत ने भाजपा की आशा को हरा दिया। वर्ष 2016 में कांग्रेस में बगावत हुई और शैलारानी रावत ने भाजपा का दामन थाम लिया। 2017 में भाजपा ने आशा नौटियाल का टिकट काटकर शैलारानी रावत को अपना प्रत्याशी बनाया। आशा नौटियाल निर्दलीय लड़ीं और कांग्रेस के मनोज रावत विधायक बने।
2022 में शैलारानी रावत फिर से विधायक चुनी गई। इस बार कांग्रेस के मनोज रावत तीसरे नंबर पर खिसक गए। शैलारानी ने निर्दलीय कुलदीप सिंह रावत को करीब 8 हजार वोटों से हराया। अब दिवंगत विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर जनता का मिजाज हमेशा चौंकाने वाला रहता है।
केदारनाथ विधानसभा सीट का इतिहास…
- 1951 के पहले आम चुनाव में ये सीट 06 चमोली पश्चिम सह पौड़ी उत्तर के नाम से जानी जाती थी। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के गंगाधर मैठाणी पहले विधायक बने थे।
- 1957 में नया सीमांकन होने के बाद सीट 07 केदारनाथ बनी। कांग्रेस के नरेन्द्र सिंह भंडारी चुनाव जीते।
- 1962 में गंगाधर मैठाणी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक बने।
- 1967 में सीट का नाम 08 बदरी-केदार हो गया था। गंगाधर मैठाणी ने कांग्रेस में आकर चुनाव जीते।
- 1969 के चुनाव में नरेन्द्र सिंह भंडारी ने निर्दलीय चुनाव जीता।
- 1974 में कांग्रेस के नरेंद्र सिंह भंडारी फिर से चुनाव जीते।
- 1977 जनता पार्टी के प्रताप सिंह पुष्पाण विधायक बने।
- 1980 में कुंवर सिंह नेगी बने विधायक।
- 1985 में सीट 07 बदरी-केदार बन गई। लोकदल के कुंवर सिंह नेगी जीते।
- 1989 में कुंवर सिंह नेगी कांग्रेस के टिकट पर दोबारा विधायक बने।
- 1991, 1993 और 1996 में तीन बार भारतीय जनता पार्टी के केदार सिंह फोनिया विधायक रहे।
- 2002, 2007 में 37 केदारनाथ सीट भाजपा की आशा नौटियाल विधायक बनीं।
- 2012 कांग्रेस की शैलारानी विधायक बनीं।
- 2017 कांग्रेस के मनोज रावत विधायक चुने गए।
- 2022 भाजपा की शैलारानी विधायक बनीं।