अंकिता हत्याकांड को पूरे हुए दो साल, VIP का नाम अब भी राज…इंसाफ के इंतजार में आज भी परिवार

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श्रीनगर।उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को दो साल पूरे हो गए हैं। लेकिन अब तक इस मामले में कई राज ऐसे हैं जो राज ही रह गए हैं। 18 सितंबर 2022 की उस घटना को याद कर ही आज भी लोगों की आंखें गीली हो जाती हैं। एक बेटी जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से निकलती है। एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम शुरू करती है। उसके साथ जिस प्रकार की वारदात हुई, उससे लोगों ने खुद को जोड़ा। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए उसके माता- पिता और परिजन गढ़वाल के श्रीनगर धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि तत्कालीन एडीएम और यमकेश्वर के एमएलए पर कार्रवाई की जाए। इसको लेकर लोग एकजुट हो रहे हैं।

पहाड़ से लेकर मैदान तक अंकिता के लिए न्याय की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए थे। कैंडल मार्च निकाले गए कई सभाएं की गई, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी परिवार की न्याय की आस पूरी नहीं हो पाई है।अब तक इस हत्याकांड का पर्दाफाश नहीं हो पाया है।

अंकिता भंडारी की हत्या से आज से ठीक दो साल पहले पूरा उत्तराखंड दहल गया था। इस मामले में तीन आरोपियों रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर को गिरफ्तार किया गया। जहां अब तक मामले की सुनवाई हो रही है। बता दें कि मामले की जांच फिलहाल एसआईटी कर रही है। एसआईटी ने मामले में कुल 100 गवाह बनाए थे। जिसमें से 51 लोगों की गवाही बाकी है। जबकि 49 गवाही हो चुकी है। 49 गवाह अब तक पौड़ी क्षेत्र के वनंत्रा रिजॉर्ट के काले राज कोर्ट को बता चुके हैं। जबकि तीनों आरोपी अब भी कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।

पुलिस जांच में सामने आया कि पौड़ी निवासी अंकिता को नौकरी में अभी 20 दिन ही हुए थे कि वह वनंत्रा से नौकरी छोड़कर जाना चाह रही थी। वह जान चुकी थी कि यहां पर कितने काले कारनामे हो रहे हैं। घने जंगलों के बीच बने इस अय्याशी के अड्डे पर बड़े-बड़े लोग रंगरलियां मनाने आते थे।

इन लोगों के लिए खाने पीने से लेकर उनकी अय्याशी का भी प्रबंध किया जाता था। अंकिता को जब पता चला कि पुलकित उसे भी इस अंधियारी दुनिया में धकेलना चाहता है तो उसका मन उखड़ गया। ऐसे में 18 सितंबर 2022 की रात रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी कि वह यहां के सारे काले राज जान चुकी थी।

बता दें कि इस मामले को दो साल बीत गए और जांच आज भी चल रही है। लेकिन अब तक वीआईपी कौन था इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है। वीआईपी का नाम अब तक सामने नहीं आ पाया है। हांलाकि अंकिता के परिवार ने कई बार वीआईपी के नाम को लेकर दावा किया लेकिन फिर भी कोई नाम अब तक सामने नहीं आया है।

अब तक की पुलिस की जांच और कुछ गवाहों के बयान भी इसी ओर इशारा करते हैं कि रिजॉर्ट में आने वाले मेहमान जिन्हें स्पेशल सर्विस चाहिए होती थी उन्हें वीआईपी कहा जाता था। लेकिन जब रिजॉर्ट की गेस्ट लिस्ट चेक की गई तो ऐसे किसी व्यक्ति का नाम सामने नहीं आया जो कोई नामी व्यक्ति हो। ऐसे में सवाल दो साल पहले भी यही था और आज भी यही है कि आखिर वो वीआईपी था कौन ? इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि दो साल की जांच के बाद भी वीआईपी का नाम अब तक सामने क्यों नहीं आ पाया। ऐसे में अब भी यह यक्ष प्रश्न ही है कि आखिर वीआईपी कौन था?

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