चारधाम यात्रा के कचरे ने कर दिया मालामाल, जोशीमठ नगर पालिका ने कमाए करोड़ों रुपए, जानिए कैस
चमोली।उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ की वजह से स्थानीय लोग ट्रैफिक जाम समेत कई दूसरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि ज्यादा लोगों के आने की वजह से प्लास्टिक कचरा इस पहाड़ी राज्य के लिए आफत बन गया है, हालांकि अब इसे नगर निकाय ने आय का भी जरिया बना लिया है। इस कचरे से जोशीमठ नगर पालिका अब मोटी कमाई भी कर रहा है।
दरअसल जोशीमठ नगर पालिका ने प्लास्टिक कचरे की रिसाइकिलिंग के जरिये एक करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है। इस कचरे में मुख्य रूप से वे प्लास्टिक की बोतलें शामिल हैं जो पानी या कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद टूरिस्ट फेंक देते हैं। पहाड़ों के लिये आफत बन रहे प्लास्टिक कचरे को जोशीमठ नगर पालिका ने आय का साधन बना लिया है। कचरे को एकत्रित कर कॉम्पेक्टर मशीन से ब्लॉक बनाकर कचरे का विपणन किया जा रहा है। यहां पालिका प्रशासन ने चार धाम यात्रा मार्ग से इन दिनों 3 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर लिया है। जबकि वर्तमान तक कचरे को रिसाइकल कर 1 करोड़ दो लाख की आय अर्जित कर ली है।
बता दें कि चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यात्रा मार्ग पर व्यवस्था बनाने के सख्त निर्देश दिए थे जिसका असर यात्रा रोड पर साफ दिखाई दे रहा है। एक और जहां यात्रा मार्ग साफ सुथरे हैं तो वही नगर पालिका जोशीमठ को करोड़ों की आमदनी भी प्राप्त हो रही है। बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ से पांडुकेश्वर तक सफाई का जिम्मा नगर पालिका परिषद जोशीमठ संभाले हुए है। ऐसे में यहां पालिका की ओर से नगर के साथ ही यात्रा मार्ग पर बिखरे प्लस्टिक कचरे को आय का साधन बना लिया है। पालिका प्रशासन के अनुसार यात्रा मार्ग से उन्होंने एक माह में कुल ढाई लाख से अधिक शीतल पेय की बोतलें एकत्रित कर ली है। जबकि अन्य प्लास्टिक कचरे को मिलाकर करीब तीन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया गया है।
जोशीमठ के उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि नगर पालिका के द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। 22 मजदूर लगातार मार्ग पर सफाई व्यवस्था बना रहे हैं कड़ी धूप के बीच सफाई व्यवस्था में नगरपालिका के कर्मचारी लगे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप जहां यात्रा मार्ग से प्लास्टिक कचरे का प्रभावी निस्तारण हो रहा है। वहीं पालिका प्रशासन को बेहतर आय भी प्राप्त हो रही है।