उत्‍तराखंड: दिल्ली-मुंबई समेत कई राज्यों के लोग जमीन हड़पने में शामिल, दो जिलों में सबसे ज्‍यादा मामले

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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि राज्य गठन के बाद से अभी तक भूमि खरीद की मंजूरी लेकर उसका दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बाद जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई थी। देवभूमि में भूमि खरीदने वालों के काले कारनामे लगातार खुल रहे हैं। कुमाऊं में ही अब तक की जांच में 134 मामले सामने आ चुके हैं जिन्होंने जमीन तो खेती-बाड़ी के लिए खरीदी मगर मनमानी की फसल उगाने लगे। यानी कि किसी ने होटल रिसार्ट बनाए तो कोई और ही उपयोग करने लगा।

अब प्रशासन मुंबई, दिल्ली समेत कई राज्यों के प्रभावशाली लोगों की ओर से इस जमीन में बोई मनमानी की फसल को रौंदने में जुट गया है। जमीन की लूट में शामिल लोगों में अब खलबली मची हुई है। धामी सरकार कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दे चुकी है।

कुमाऊं में सबसे अधिक 64 मामले नैनीताल जिले में हैं और इसके बाद अल्मोड़ा में 23 लोगों का जमीन का उपयोग बदलने का मामला सामने आया है। राहत है कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ अभी भू माफिया की नजरों से बचा हुआ है।अल्मोड़ा में भू-कानूनों के उल्लंघन से संबंधित 23 मामले सामने आए है। इनमें से 10 मामले न्यायालय में चल रहे है। आठ मामलों प्रशासनिक जांच चल रही है। फिलहाल प्रशासन ने सभी लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। पांच मामलों में उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई होनी है।

मुंबई के पूंजीपति भरत विसंजी की 108 नाली भूमि सरकार में निहित कर ली गई है। 261 नाली भूमि पर कार्रवाई चल रही है। लमगड़ा के कपकोट गांव में सिने स्टार मनोज वाजपेयी की 15 नाली भूमि भी भू-कानून उल्लंघन के दायरे में आई है। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में चल रहा है। यहां तक कि गरीबों से उनकी बेशकीमती जमीन को सस्ते में लेकर भी देवभूमि में जमीन की लूट का खेल का भी चल रहा है।

अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने बताया कि मानक से अधिक भूमि क्रय करने का कोई मामला नही है। यह सीमांत जिला है, जिसकी सीमा चीन से मिलती है। इसलिए अधिकांश क्षेत्र में जाने के लिए ही इनर लाइन परमिट की आवश्यकता पड़ती है।

Enews24x7 Team

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