अग्निवीर योजना को लेकर होगी इंटरनल सर्वे, भारतीय सेना करना चाहती है ये पांच बड़े बदलाव…

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नई दिल्ली। अग्निवीर योजना से जुड़ी अहम खबर सामने आरही है। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने अग्निवीर योजना के कुछ प्रावधानों में बदलाव की इच्छा जताई है। योजना में संभावित बदलावों की सिफारिश करने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ समीक्षा और सर्वेक्षण भी किया गया है। इसमें पांच बदलाव सामने आए हैं। सेना ने अपने आंतरिक सर्वेक्षण पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना के आंतरिक सर्वेक्षण में पहला बिंदु अग्निवीरों का प्रतिशत बढ़ाना है। सेना चार साल की अवधि समाप्त होने के बाद भी अग्निवीरों की संख्या 60-70 प्रतिशत पर बरकरार रखना चाहती है। मौजूदा स्वरूप में केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही रखा जाएगा। 75 प्रतिशत को करीब 12 लाख रुपये के एकमुश्त भुगतान के साथ जाने दिया जाएगा।

दूसरा बिंदु सेवा अवधि बढ़ाने का है। इसमें सेना भी सेवा अवधि को चार साल से बढ़ाकर सात से आठ साल करना चाहती है। चार साल की मौजूदा अग्निवीर भर्ती में औपचारिक बुनियादी प्रशिक्षण केवल नौ महीने का है। बाकी प्रशिक्षण ड्यूटी पर तब होता है जब अग्निवीर को यूनिट में तैनात किया जाता है।

तीसरा बिंदु तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती की आयु बढ़ाना है। वर्तमान में अग्निवीरों की भर्ती 17 से 21.5 वर्ष की आयु के बीच की जाती है। सेना सिग्नल, एयर डिफेंस और इंजीनियर्स जैसे तकनीकी हथियारों में भर्ती के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष करने का प्रस्ताव कर रही है। इन हथियारों को उनकी तकनीकी प्रकृति के कारण लंबी प्रशिक्षण अवधि की आवश्यकता होती है। जब तक अग्निवीर तकनीकी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करता है, तब तक उसकी सेवा अवधि समाप्त हो जाती है और उसे जाने देना पड़ता है।

चौथा बिंदु विकलांगता भुगतान और सेवा अवधि समाप्त होने के बाद नौकरी खोजने में सहायता है। सेना उन अग्निवीरों के लिए अनुग्रह राशि भी चाहती है जो प्रशिक्षण के दौरान विकलांग हो गए हैं। इसके अलावा, एक पेशेवर एजेंसी होनी चाहिए जो अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य की नौकरी खोजने के बारे में मार्गदर्शन करे।

पांचवां और अंतिम बिंदु निर्वाह भत्ता है। सेना चाहती है कि युद्ध में अग्निवीर की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को गुजारा भत्ता देने का प्रावधान भी योजना में शामिल किया जाना चाहिए।

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