युवा बनें राज्य के विकास में भागीदार: त्रिवेन्द्र रावत

  • “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
  • प्रदेश भर से आए 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया
  • वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयो के छात्र-छात्राएं

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड़ ग्राउण्ड, देहरादून में “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से 10,000 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। कुल 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्र भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में 50 प्रमुख उद्यमियों को भी आमंत्रित किया गया जिन्होंने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। युवाओं की काउंसिलिंग कर रोजगार से जोड़ने में मदद कि गई। साथ ही स्वंय का उद्यम स्थापित करने के इच्छुक युवाओं का भी मार्गदर्शन किया गया। पूरे प्रदेश से आए युवाओं ने बड़े उत्साह के साथ राज्य एवं देश में उपलब्ध स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम में लाॅटरी के माध्यम से चयनित कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज से पूरी तरह से तभी दूर हो सकता है जब हम स्वयं से शुरूआत करें। रिश्वत लेने के साथ रिश्वत देना भी भ्रष्टाचार है। अगर आप भ्रष्टाचार का कोई मामला देखते हैं तो सरकार को बताएं, ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक अंधा बेटा युद्ध में जा रहा था। मां ने जब रोका तो उसने कहा कि वह दुश्मन की एक गोली तो कम कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने पौड़ी की इंदू के सवाल ​​के जवाब मे बताया कि पलायन आयोग की रिपोर्ट से यह जानकारी मिल गई है कि किस गांव से कितना पलायन हुआ और इसका क्या कारण था। यहां तक कि किस गांव में क्या स्थानीय संसाधन उपलब्ध हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है। राज्य मे पलायन रोकने और रोजगार के अवसर उप्लब्ध कराने मे पर्यटन का सबसे बड़ा योगदान है। इसीलिये पर्यटन को उत्तराखंड के लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा तो दिया ही है, साथ ही 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड पर्यटन डेस्टिनेशन भी बनाये जा रहे हैं। साथ ही साथ 5 हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य है जिनमें से 802 नए होम स्टे बनाए जा चुके हैं। सभी होम स्टेज को घरेलू दरों पर बिजली दी जा रही है तथा साहसिक पर्यटन को लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों जैसी सुविधाएं दी जा रही है। मसूरी व केदारनाथ धाम को भी जल्द रोपवे से जोड़ दिया जायेगा। इन निवेशों तथा सरकार की नीतियों के कारण राज्य मे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होने अन्य सवालों के जवाब में बताया गया कि सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में बड़ा काम चल रहा है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से जुड चुका है। आलवेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। आने वाले समय में मुजफ्फरनगर-देवबंद-रूड़की रेललाईन से देहरादून से दिल्ली का सफर साढे तीन घंटों में किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र वैसे तो डिफाल्ट ही आर्गेनिक है। परंतु सरकार ने अपने स्तर से बड़ी कोशिश की है। 10 हजार आर्गेनिक क्लस्टर चिन्हित किए जा रहे हैं। 27 ब्लाॅक को आर्गेनिक घोषित किया गया है। हम उत्पादों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा पूरे जोश से प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि चार सत्रों में विभिन्न विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जा रही है। राज्य सरकार 2019 को रोजगार वर्ष के तौर पर मना रही है। पहली बार युवाओं का इतना बड़ा कार्यक्रम किया गया है। ओयो के सीईओ आदित्य घोष ने कहा कि दिल में जज्बा हो और आंखों में सपना हो तो कोई भी काम किया जा सकता है। जीवन में बहुत सी कठिनाईयां आती हैं बस अपने सपने को याद रखना चाहिए। सपना देखें और उसे पूरा करने के लिए पूरी तरह फोकस होकर काम करें। सम्पर्क फाउंडेशन के विनीत नायर ने कहा कि उड़ना सीखें। कम से कम कोशिश तो जरूर करनी चाहिए। पर्वतारोही कभी भी चोटी के बारे में नहीं सोचता है, वह केवल अगले कदम के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्पेशल होता है।
कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, डा.हरक सिंह रावत, राज्य मंत्री रेखा आर्या, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, विधायकगण, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पद्मश्री प्रीतम भत्र्वाण व एक पर्वतारोही दल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यंग उत्तराखण्ड मोबाईल एप्प भी लांच किया गया।

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