डब्ल्यूएचओ का दावा- भारत मेें चुनाव और कुंभ बने कोरोना स्प्रेडर!

  • कहा, भारत में कई धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों की वजह से भी फैला

न्यूयॉर्क। भारत में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की प्रमुख वजहों में पिछले महीने हुए चुनाव और कुंभ भी हैं। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट से भी साबित हो गई है। कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ की तरफ से बीते बुधवार को जारी अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे कई संभावित वजह हैं।
डब्ल्यूएचओ ने किसी खास इवेंट का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन कहा कि कई धार्मिक और राजनीतिक इवेंटों में भारी भीड़ जुटना भी संक्रमण बढ़ने की वजहों में शामिल है। इन इवेंटों में कोताही बरती गई। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि संक्रमण बढ़ने में इन फैक्टरों की कितनी भूमिका रही, इस बारे में स्थिति साफ नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत में कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पहली बार अक्टूबर 2020 में सामने आया था। यहां कोरोना के मामलों और मौतों में दोबारा बढ़ोतरी से B.1.617 और B.1.1.7 जैसे कुछ दूसरे वैरिएंट को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस वीकली अपडेट में कहा गया है कि भारत के कोरोना पॉजिटिव सैंपल्स में से 0.1% को ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लूएन्जा डेटा पर सीक्वेंस किया गया था। ताकि कोरोना वैरिएंट्स का पता लगाया जा सके। इसमें सामने आया कि B.1.1.7 और B.1.612 जैसे कई वैरिएंट्स की वजह से भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अप्रैल के आखिर तक भारत में कोरोना के 21% केसों में B.1.617.1 वैरिएंट और 7% में B.1.617.2 पाया गया। यह बात भी सामने आई कि दूसरे वैरिएंटों के मुकाबले इन दोनों वैरिएंटों की ग्रोथ रेट काफी ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत के बाद B.1.617 के सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन में आए हैं।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले हफ्ते संक्रमण के नए मामलों और मौतों में थोड़ी कमी आई है। इस दौरान 55 लाख नए केस आए और 90,000 लोगों की जान गई। कुल केसों में 50% मामले और 30% मौतें भारत में हुईं। खास बात यह है कि पिछले हफ्ते साउथ-ईस्ट एशिया के कुल मामलों में से 95% भारत के थे और कुल मौतों में से 93% भारत में हुई थीं। जिससे स्थिति की भयावहता का पता चलता है।

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