आखिर अपूर्वा क्यों बनी कातिल!

अब भी उठ रहे सवाल

  • शादी के महज दस महीनों में दोनों के बीच क्यों खड़ी हो गई थी नफरत की दीवार 
  • शायद हालात और पति—पत्नी के बीच में ‘वो’ के आ जाने को बर्दाश्त नहीं कर पाई अपूर्वा

नई दिल्ली। दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम की जांच के अनुसार रोहित शेखर तिवारी का कत्ल हुआ और कत्ल उसकी बीवी ने ही किया। पूछताछ में कातिल बीवी ने अपना गुनाह भी कुबूल कर लिया, लेकिन लोगों के मन में यह सवाल अभी तक कुलबुला रहा है कि आखिर शादी के महज दस महीनों में ऐसा क्या हुआ था कि दोनों के बीच नफरत की इतनी बड़ी दीवार खड़ी हो गई जिसका अंजाम रोहित के कत्ल के रूप में सामने आया।
अब बात शुरू करते हैं 2017 से जब रोहित ने एक मेट्रोमोनियल साइट पर अपूर्वा शुक्ला का प्रोफाइल देखा। रोहित ने इस बारे में अपनी मां उज्वला को भी बताया और फिर रोहित ने अपूर्वा से मिलने का समय लिया। दोनों की पहली मुलाकात लखनऊ में हुई। पहली नजर में ही अपूर्वा रोहित के मन को भा गई। कुछ दिनों में ही दोनों करीब आ गए थे और फिर दोनों लिव इन रिलेशन में साथ रहने लगे। दोनों करीब साल भर से साथ रह रहे थे। इसके बाद 12 मई 2018 को रोहित और अपूर्वा शादी के बंधन में बंध गए। दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में शादी समारोह में कई बड़े नेता और अधिकारी और अन्य जाने-माने लोग शामिल हुए थे। इस शादी से उज्वला भी बहुत खुश थी।
शादी के बाद अपूर्वा अपने रोहित के साथ दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में उनके घर रहने आ गई। दोनों की गृहस्थी जम चुकी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही अपूर्वा को रोहित की एक महिला मित्र के बारे में पता चला जो रोहित के किसी रिश्तेदार की पत्नी थी। बस यहीं से इस कहानी में ‘वो’ की एंट्री हुई और शादी के कुछ महीने भी नहीं बीते थे कि दोनों के बीच तल्खियां बढ़ने लगीं।
अपूर्वा के मन में रोहित के प्रति शक और नफरत बढ़ने लगी। दूसरी ओर रोहित उस महिला मित्र के और करीब होते जा रहे थे। रोहित अक्सर उस महिला से मिलने जाता था. अपूर्वा को यह बात गवारा नहीं थी. दोनों के बीच विवाद होने लगा था। आए दिन इस बात को लेकर रोहित और अपूर्वा के बीच कहासुनी हो जाती थी।
परिजनों के अनुसार अपूर्वा अक्सर रोहित से अपने घरवालों के लिए एक घर की मांग करती थी लेकिन वह इस बात को हवा में उड़ा देता था। महिला मित्र का मामला अब उज्वला तक पहुंच चुका था। मामला बिगड़ते देख बात तलाक तक जा पहुंची। चर्चा होने के बाद यह तय हुआ कि इस पर बातचीत जून माह में होगी।
इस दौरान कहासुनी और झगड़े के बाद अपूर्वा तीन मार्च को अपने मायके इंदौर चली गई। वहां वह 29 मार्च तक रही। रोहित के बुलाने पर अपूर्वा 30 मार्च को वापस डिफेंस कॉलोनी में रोहित के पास आ गई। 11 अप्रैल को उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव था। रोहित और उज्ज्वला को वोट डालने के लिए वहां जाना था। रोहित गया तो वो अपनी उस महिला मित्र को भी साथ ले गया था, जिसकी वजह से अपूर्वा पहले से ही नाराज थी। इसी बीच एक और घटना घटी जिसने रोहित और अपूर्वा के बीच दरार को और चौड़ा कर दिया।
जब रोहित काठगोदाम में था, उसी बीच अपूर्वा ने रोहित के मोबाइल फोन पर वीडियो कॉल की जिसमें अपूर्वा को वो महिला दिख गई जो उस वक्त रोहित के साथ शराब पी रही थी। हालांकि कुछ का मानना है कि रोहित उस महिला के साथ उस वक्त आपत्तिजनक हालत में थे। रोहित ने महिला को छुपाने की कोशिश तो की लेकिन अपूर्वा ने उसको देख लिया था। इस घटना के बाद अपूर्वा का दिल टूट गया उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था। फोन पर भी रोहित से अपूर्वा की कहासुनी होने की बात सामने आई। इस घटनाक्रम से अपूर्वा बहुत निराश और उदास थी।
इसके बाद 15 अप्रैल को रोहित अपनी मां और भाई के साथ वापस दिल्ली में अपने घर आ गया। उस रात रोहित के डिफेंस कालोनी वाले घर में अपूर्वा, बड़ा भाई सिद्धार्थ शर्मा, नौकरानी मार्था, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश मौजूद थे। रोहित की मां उस रात खाना खाकर तिलक लेन दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर चली गई थीं। उज्जवला के मुताबिक उस रात रोहित ठीक-ठाक था। बस थोड़ा नशे में लग रहा था। उस काली और आखिरी रात रोहित खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया, लेकिन अपूर्वा की नींद उड़ी हुई थी। रात के करीब एक बजे का वक्त था। इसी बीच अपूर्वा रोहित के कमरे में पहुंची। उसने रोहित को जगाया और उस महिला मित्र के बारे में पूछने लगी। दोनों के रिश्ते में खटास तो पहले से ही थी और मामला तलाक की नौबत तक आ चुका था, लेकिन जो टीस अपूर्वा के दिल में उठ रही थी, वो एक नासूर बन चुकी थी।
इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। बात हाथापाई तक जा पहुंची। उस समय रोहित नशे में धुत था और गुस्से में अपूर्वा उस पर भारी पड़ गई। इसी दौरा उसने रोहित का मुंह और गला तकिए से दबा दिया। इसके बाद रोहित का शरीर ठंडा पड़ा तो अपूर्वा ने उसके  दिल पर कान लगाकर उसकी धड़कन सुनने की कोशिश की, लेकिन रोहित की सांसें थम चुकी थीं। अब रोहित की लाश उसकी आंखों के सामने बेड पर पड़ी थी। इससे अपूर्वा के हाथ—पैर फूल गये और अपूर्वा वहीं बिस्तर पर सिर पकड़ कर बैठ गई। उसकी सांसे तेज थी और दिल की धड़कन किसी ट्रेन की तरह दौड़ रही थी। वो जान चुकी थी कि अब रोहित कभी नहीं जागेगा। सब खत्म हो चुका था। हर शिकवा गिला रोहित की जान के साथ चला गया। अपूर्वा के दिल में जो तूफान था, वो थम चुका था। पति की बेवफाई और अनदेखी ने अपूर्वा को इस कदर झकझोर दिया था कि उसके अपने हाथों से अपना सुहाग उजड़ गया। आखिर वो भी एक औरत थी और एक औरत सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है, लेकिन पति की बेवफाई नहीं। इस तरह यह लव स्टोरी एक ट्रेजडी बन गई।  
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में अपूर्वा कभी अपनी हरकत पर पछतावा जताती हैं और कभी घटना के बारे में एकदम उदासीन प्रतीत होती हैं। अधिकारी ने बताया कि चार दिन तक चली गहन पूछताछ के दौरान वह एक बार भी नहीं टूटी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह 15-16 अप्रैल की रात को तिवारी का गला घोंटने को लेकर अब उसे पछतावा हो रहा है। 

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