हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गये डीएसपी और तीन दारोगाओं समेत 8 पुलिसकर्मियों को गोलियों से भूना

सिस्टम पर उठे सवाल

  • कानपुर के बिठूर थाना इलाके में हुई घटना, पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए बदमाश
  • बीते गुरुवार रात बिठूर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने गई थी पुलिस, तभी हुआ हमला
  • विकास ने जेसीबी से पुलिस का रास्ता रोका, सीओ को घर के अंदर खींचकर सिर में गोली मारी
  • बिठूर थाना प्रभारी समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी, रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा इलाज
  • प्रधान और जिला पंचायत सदस्य रह चुके हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज
  • वर्ष 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भूना था
  • इस बाबत विकास की दहशत के चलते कोई पुलिस वाला भी गवाही देने को नहीं हुआ तैयार
  • थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है बेखौफ बदमाश विकास

कानपुर। यहां बीते गुरुवार की रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौके पर मौत हो गई।
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि पुलिस चौबेपुर थाना इलाके के एक गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, लेकिन दुबे और उसके गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर छत से गोलियों की बरसात कर दी। बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए। उधर, आईजी मोहित अग्रवाल ने आज शुक्रवार को बताया कि घटना के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे के दो साथियों को मार गिराया गया है।
घटना की बाबत डीजीपी एचसी अवस्थी ने आज शुक्रवार को बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
बदमाशों के हमले  में बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार, शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश चंद्र यादव व सब इंस्पेक्टर नेबू लाल और मंधना के चौकी इंचार्ज अनुप कुमार, सिपाही सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र और  बबलू की मौत हो गई है। इनके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है।

एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस घृणित कार्य में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ढूंढकर कानून के सामने पेश किया जाएगा। हमने इसमें स्पेशलिस्ट टीमों को लगाया है।
गौरतलब है कि विकास यूपी का कुख्यात बदमाश है। एसटीएफ ने विकास दुबे को 31 अक्टूबर 2017 को लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। कानपुर पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। वह कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया था। विकास ने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
पुलिस तंत्र की खामी के चलते विकास को पुलिस के आने की खबर पहले ही मिल चुकी थी। इसलिए उसने अपने घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी कर दी थी। ताकि पुलिस को रोका जा सके। पुलिस की कार्रवाई के पहले ही अपराधियों ने गोलियां चला दीं। बदमाशों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया था। पुलिस टीम को सपने में भी ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी।

कानपुर देहात के बिकरु गांव में पुलिस पार्टी पर हमले में अब नई बातें सामने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्टों और पुलिस के सूत्रों के मुताबिक छापे की जानकारी विकास दुबे को पहले से लग गई थी। उसने रात में बीच रास्ते पर जेसीबी खड़ी कर दी थी। आसपास के घरों में बदमाश छिप गए थे। पुलिस जैसे विकास के घर के सामने पहुंची, उसकी छत से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। अचानक हुई फायरिंग से पुलिस हैरान रह गई। एक टीम पीछे हटकर बैकअप देने लगी। वहीं, दो टीमों ने आगे बढ़कर फायरिंग का जवाब देना शुरू किया।
सूत्रों ने बताया कि टीम का नेतृत्व सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा कर रहे थे। उन्होंने घर के अंदर जाने की कोशिश की। तभी बदमाशों ने उन्हें अंदर खींच लिया और उनके सिर पर गोली मार दी। इसी तरह सिपाहियों को पकड़ लिया और पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी। अचानक हुए इस हमले में सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

उल्लेखनीय है कि बीते 20 जून को बसपा नेता पिंटू सेंगर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देकर हत्यारे फरार हो गए थे। सीसीटीवी फुटेज में 2 बाइक पर 4 संदिग्ध जाते दिखाई दिए थे। मामले में मृतक के परिजनों ने 7 नामजद सहित 8 लोगों को पर एफआईआर दर्ज कराई थी। सूत्रों की मानें तो पुलिस को पता चला कि पिंटू हत्याकांड के शूटर भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर छिपे हुए हैं। इसकी सूचना पर बिठूर, चौबेपुर और शिवराजपुर थाना क्षेत्र की फोर्स बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के साथ रात में दबिश डालने गांव पहुंची थी। विकास ने घर को किलेनुमा बना रखा है। कंटीले तार से बाउंड्रीवाल को घेरा हुआ है। गेट पर सीसीटीवी लगे हैं। गेट के ठीक सामने जेसीबी को खड़ा किया गया था। पुलिस को तलाशी के दौरान विकास के घर से कई लग्जरी गाड़ियां मिलीं। उनके शीशे टूटे थे। ऐसा माना जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। घटना स्थल से एके-47 के खोखे भी बरामद हुए। गांव में सन्नाटा पसरा है। लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे गांव चले गए।

विकास कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है। उसने बदमाशों की गैंग तैयार की और खुद सरगना बन गया। कानपुर नगर और देहात तक लूट, डकैती और हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा है। 2000 में उसने शिवली के ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। इसमें उम्रकैद हुई। ऊपरी अदालत से जमानत पर बाहर आया। उसका ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज भी है।
वर्ष 2002 में जब प्रदेश में बसपा सरकार थी तो विकास का खौफ बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां और चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में भी था। 2018 में विकास ने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। वर्ष 2004 में केबल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। जेल से ही उसने शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीत लिया। इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम है। 

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